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अब ईरान ने अमेरिका को दी खुली धमकी, कहा- इजरायल से दूर रहें

इजरायल से तनाव के बीच अब ईरान ने अमेरिका को खुली चेतावनी या दूसरी भाषा में कहें तो धमकी दे दी है। ईरान ने अमेरिका को इजरायल से दूर रहने को कहा है। ईरान ने स्पष्ट कहा कि वह अपने हितों की रक्षा की खातिर किसी भी सीमा तक जा सकता है।

एक अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। इसके बाद इजरायल ने पलटवार की कसम खाई थी। माना जा रहा है कि इजरायल किसी भी वक्त ईरान पर हमला कर सकता है। मगर इस बीच अमेरिका इजरायल को सैन्य मदद देने पर विचार कर रहा। अमेरिका की इसी पहल पर ईरान ने आपत्ति जताई और उसे इजरायल से दूर रहने की सलाह दे डाली।

ईरान ने धमकी में क्या कहा?

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने अमेरिका को धमकी दी है कि वह अपने सैनिकों को इजरायल से दूर रखे। रिपोर्ट के अनुसार ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि इजरायल को अमेरिका रिकॉर्ड मात्रा में हथियार पहुंचा रहा है। इसके अलावा अब वह इजरायल में मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगाने जा रहा है। इसके संचालन के लिए अपने सैनिकों को तैनात करके अमेरिका उनके जीवन को भी खतरे में डाल रहा है।

हमारी कोई सीमा नहीं है

ईरान ने यह भी कहा कि क्षेत्र में व्यापक युद्ध रोकने की खातिर जबरदस्त कोशिश भी की। मगर यह भी साफ कर रहा हूं कि अपने लोगों की रक्षा और हितों की सुरक्षा करने के लिए हमारी कोई सीमा नहीं है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि इजरायल एक सूची बना रहा है। इसमें ईरान के उन स्थानों के नाम हैं, जहां पर हमले की योजना है।

अमेरिका के साथ प्लान बना रहा इजरायल

इजरायल इन दिनों ईरान पर हमले की योजना तैयार कर रहा है। इस प्लान पर अमेरिका भी साथ काम कर रहा है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरानी तेल संयंत्रों और परमाणु कार्यक्रम पर हमले के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि इजरायल ने अमेरिका को यह नहीं बताया है कि वह हमला कब-कैसे और कहां करेगा।

THAAD तैनात करेगा अमेरिका

इस बीच अमेरिका टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (THAAD) को इजरायल में तैनात करने पर विचार कर रहा है। यह अमेरिका का उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम है। खास बात यह है कि ये सिस्टम ईरान की बैलेस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। हालांकि सिस्टम के संचालन का तकनीकी ज्ञान अमेरिका सैनिकों के पास है। ऐसे में अमेरिका को इजरायल में अपने सैनिक भी तैनात करने होंगे। अब ईरान अमेरिका के इसी चाल का विरोध कर रहा है।