पानी में युवती से छेड़छाड़ की वारदात के मामले में निलंबित किए गए तत्कालीन गोमतीनगर एसएचओ समेत पांच पुलिसकर्मियों को विभागीय जांच में दोषी पाया गया है। वारदात के पीछे इन पुलिसकर्मियों की लापरवाही की पुष्टि हुई है। अब इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
31 जुलाई को शहर में भारी बारिश हुई थी। गोमतीनगर में मरीन ड्राइव पुल के नीचे जलभराव हो गया था। वहां 40-50 लोगों की भीड़ जुटी थी। इन लोगों ने जमकर उपद्रव किया था। बाइक से अपने दोस्त संग जा रही युवती से युवकों ने छेड़छाड़ कर उसको पानी में गिरा दिया था। मामले में 18 आरोपी जेल भेजे गए थे।
तत्कालीन गोमतीनगर एसएचओ दीपक कुमार पांडेय, दरोगा ऋषि विवेक, दरोगा कपिल कुमार, सिपाही धर्मवीर व सिपाही वीरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया था। सभी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे।
पुलिसकर्मियों की लापरवाही साबित हुई
जांच में पाया गया कि पॉश इलाके में हुई वारदात में पुलिसकर्मियाें की लापरवाही रही। अमूमन मरीन ड्राइव पर बारिश या किसी विशेष अवसर पर भीड़ होती है। इसके बाद भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं थे। इसलिए इन सभी को जांच में दोषी बनाया गया है। मालूम हो मामले में तत्कालीन डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह, तत्कालीन एडीसीपी पूर्वी अमित कुमावत और तत्कालीन गोमतीनगर एसीपी अंशु जैन को हटा दिया गया था।
चार्जशीट लगाने की तैयारी
वारदात से संबंधित दर्जनों वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। उनमें अराजकता व छेड़छाड़ करने वाले कैद हुए थे। पुलिस ने वीडियो व फोटो की मदद से आरोपियों को चिह्नित कर उनकी गिरफ्तारी की थी। मामले की विवेचना लगभग पूरी हो चुकी है। पुख्ता साक्ष्य पुलिस ने जुटाए हैं। वीडियो व फोटो मजबूत सुबूत हैं। पुलिस जल्द ही आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी।
भेजी गई जांच
विभागीय जांच पूरी हो गई है। जो पुलिसकर्मी निलंबित किए गए थे, उनकी लापरवाही सामने आई है। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।- पंकज कुमार सिंह, एडीसीपी पूर्वी