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यूपी में कौशल प्रशिक्षण में अब गरीब परिवारों को दी जाएगी प्राथमिकता

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे कमजोर तबकों के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सभी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आरक्षण-आधारित प्रणाली लागू करने की कवायद शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) के तहत अब प्रशिक्षण से लेकर सेवायोजन तक अति गरीब वर्ग के पहचाने गए परिवारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

नई व्यवस्था के आरक्षण अनिवार्य 
अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार है जब आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर वर्ग को कौशल विकास ढांचे में विशेष दर्जा दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, सरकार ने यूपीएसडीएम के सभी कार्यक्रमों में प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाई है और महिलाओं व दिव्यांगजनों के लिए विशेष आरक्षण कोटा निर्धारित किया है। नई व्यवस्था के तहत 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए और पांच प्रतिशत आरक्षण दिव्यांगजन के लिए अनिवार्य किया गया है।

बेरोज़गार युवाओं को दिया जाएग प्रशिक्षण
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज में इस वर्ष 1,475 बेरोज़गार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाना है, जिनमें से 575 अभ्यर्थी दिसंबर तक प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नए निर्देशों से कार्यक्रम की संरचना में महत्त्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिससे हाशिए पर रहने वाले समूहों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। प्रयागराज में अब तक करीब 28,000 अति गरीब परिवार चिह्नित किए जा चुके हैं और इनके सदस्यों को प्रशिक्षण सत्रों व जॉब फेयर के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जा रहा है।

जानें कब हुई थी अभियान की शुरुआत 
गौरतलब है कि इस अभियान की शुरुआत दो अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांधी जयंती पर की थी। इस पहल के तहत हर ग्राम पंचायत में 10 से 25 अत्यंत गरीब परिवारों की पहचान की गई है, जिन्हें विभिन्न विभागों की प्रत्यक्ष लाभांतरण योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जा रहा है।