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राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होगा 180 किलो सोने का श्रीयंत्र

संगमनगरी प्रयागराज में एक विशेष धार्मिक आयोजन के तहत 180 किलो वजनी, गोल्ड प्लेटेड श्रीराम यंत्र पहुंचा है, जिसे अष्टधातु से बनाया गया है। यह यंत्र आंध्रप्रदेश से एक विशेष रथ में यात्रा करते मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से होते हुए प्रयागराज पहुंचा है।

इस रथ का स्वरूप किसी मंदिर से कम नहीं है, जिसमें श्री कांची कामकोटि पीठ का स्वरूप दर्शाया गया है। रथ के अंदर जगद्गुरु के चित्र और माता कामाक्षी देवी की प्रतिष्ठा की गई है और उनके समक्ष श्रीराम यंत्र रखा गया है।

इस यात्रा के मुख्य पुजारी स्वामी रामचंद्रन महाराज ने बताया कि यह यात्रा पांच राज्यों से होते हुए संगमनगरी तक पहुंची। यंत्र में श्रीराम बीज मंत्र लिखा गया है और इसके चारों ओर देवी-देवताओं के मंत्रों से युक्त है। श्रीयंत्र रथयात्रा प्रयागराज से अयोध्या के लिए रवाना हो गई है।
यंत्र को कामकोटि पीठ के 70वें पीठाधिपति, जगद्गुरु स्वामी विजयेंद्र के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। श्रीराम यंत्र की विशेषता यह है कि यह यंत्र प्रयागराज होते हुए अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर जाएगा।

वहां 1200 से अधिक वैदिक ऋत्विकों द्वारा सहस्त्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ और अनुष्ठान 45 दिनों तक आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद इस महायंत्र को भगवान के मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा। श्रीराम यंत्र के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।