पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता तोशाखाना-2 मामले में इमरान खान को 17 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में रैलियां कर रहे हैं। पेशावर में खैबर पख्तूनख्वा असेंबली बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शनकारियों ने खान के समर्थन में नारे लगाए। शंदना गुलजार ने कहा कि इमरान खान गरीबों के लिए लड़ रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और जज के खिलाफ नारेबाजी की और फैसले को न्याय प्रणाली के लिए झटका बताया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता देश के अलग-अलग हिस्सों में रैलियां कर रहे हैं। ये तोशाखाना-2 मामले में पीटीआई के संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को कोर्ट द्वारा 17 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के विरोध में की जा रही हैं।
प्रदर्शनकारी रविवार को पेशावर में खैबर पख्तूनख्वा असेंबली बिल्डिंग के बाहर जमा हुए और खान के समर्थन में नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान नेशनल असेंबली की सदस्य शंदना गुलजार ने कहा कि इमरान खान आने वाली पीढ़ियों और नागरिकों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
‘गरीबों के लिए लड़े इमरान खान’
उन्होंने कहा कि इमरान खान ने कभी भी अपने लिए कुछ मांगा नहीं है और वह गरीबों के लिए लड़ रहे हैं। लघारी इलाके में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नवागई तहसील परिषद के अध्यक्ष और पीटीआई के पूर्व जिला अध्यक्ष खलीलुर रहमान ने किया।
केंद्र सरकार और जज के खिलाफ नारेबाजी
पार्टी के झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और जज के खिलाफ नारे लगाए जिसने सजा सुनाई थी। कार्यकर्ताओं ने फैसले को खारिज करते हुए इसे पाकिस्तान की न्याय प्रणाली के लिए बड़ा झटका बताया, जो 27वें संवैधानिक संशोधन के बाद कमजोर हो गई है।
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