उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में 23 साल के युवक रामकुमार उर्फ रामू पर आवारा कुत्ते ने हमला किया। शुरुआत में घाव हल्का होने के कारण रामू ने सिर्फ साबुन‑पानी से धोकर नजरअंदाज कर दिया और सही मेडिकल इलाज नहीं कराया। लेकिन कुत्ते के काटने के लगभग 14 घंटे बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
अजीब हरकतें और अस्पताल तक का सफर
मिली जानकारी के मुताबिक, काटने के 14 घंटे बाद से रामू ने चीखना‑चिल्लाना शुरू कर दिया और परिवार पर झपटने जैसी हरकतें करने लगा। इसके साथ ही वह खुद को और दूसरों को काटने के लिए दौड़ने लगा। घबराए परिवार ने रामू को चारपाई में बांधकर खेर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया। वहां डॉक्टर रोहित भाटी ने हालत गंभीर देख उसे दिल्ली के हायर सेंटर रेफर कर दिया।
रामू का गांव और घटना का समय
रामू, उटवारा गांव का रहने वाला है। 20 दिसंबर की शाम को गली में खेलते समय एक आवारा कुत्ते ने उसे काट लिया। अगले दिन सुबह रामू ने नहा‑धोकर नाश्ता किया, लेकिन दोपहर करीब 12:30 बजे उसके व्यवहार में बदलाव आने लगा और वह अजीब हरकतें करने लगा।
अलीगढ़ में कुत्तों का खतरा
अलीगढ़ नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक, शहर में लगभग 60,000 आवारा कुत्ते हैं, जिससे रेबीज़ का खतरा काफी बढ़ जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी से जुलाई तक केवल अलीगढ़ में लगभग 72,000 लोग कुत्तों के काटने की शिकार हुए, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग अधिक प्रभावित हैं। इस खतरे को रोकने के लिए नगर निगम ने एंटी‑रेबीज़ क्लीनिक और बधियाकरण‑टीकाकरण केंद्र चलाए हैं, ताकि लोगों को समय पर इलाज मिल सके और रेबीज से बचाव हो सके।
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