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यूपी बीजेपी के नए अध्‍यक्ष भूपेन्‍द्र चौधरी ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण किया

यूपी सरकार में पंचायती राज मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह सोमवार को विधिवत ढंग से प्रदेश भाजपा के चौधरी हो गए। मंगलवार के उन्‍होंने पंचायती राज मंत्री पद से इस्‍तीफा भी दे दिया। इसके पहले भूपेन्‍द्र चौधरी ने यूपी में बीजेपी संगठन और सरकार के बीच तालमेल पर बात की। उन्‍होंने कहा कि संगठन और सरकार के बीच समन्वय का कोई विवाद ही नहीं हैं। सरकार तो संगठन के एजेंडे पर ही चल रही है।

प्रदेश बीजेपी अध्‍यक्ष ने कहा कि बिजली, पानी, सड़क, सुरक्षा, स्वास्थ्य की बेहतरी, अराजकता और भ्रष्टाचार को खत्म करना हमारे ही तो एजेंडे में था। हमीं लोग कहते आए हैं कि सरकार बनने पर धारा-370 हटाएंगे, अयोध्या में राममंदिर बनाएंगे। केंद्र की मोदी सरकार ने धारा-370 हटाई।

सोमवार को पार्टी मुख्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में निवर्तमान अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने भूपेन्‍द्र चौधरी को पदभार सौंपा। इसके बाद पार्टी मुख्यालय में आयोजित स्वागत समारोह को नए अध्‍यक्ष ने सम्‍बोधित किया। भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश में जब सरकार बनी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नेतृत्व करने का अवसर मिला तो आज अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण हो रहा है।

भाजपा को ऊंचाइयों पर ले जाएंगे पाठक
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने नये प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को बधाई देते हुए कहा कि वे 2024 में भाजपा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र के नेतृत्व में सभी सीटें जीतेगी। मोदी और योगी सरकार की नीतियों को भी घर-घर तक पहुंचाने में वे सफल होंगे। सभी लोग मिलकर भाजपा को जिताने के काम में जुटेंगे।

लोस चुनाव में सभी सीटें जीतेंगे केशव
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि नये प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के नेतृत्व में पार्टी 2024 में 2014 का रिकार्ड तोड़कर सभी 80 सीटें जीतेगी। कहा कि संगठन और सरकार एक रथ के दो पहियों की तरह हैं। वर्ष 2022 का चुनाव जीतकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विपक्षियों को बेचैन कर दिया है। उनकी बेचैनी भ्रष्टाचार की जांच को लेकर है।

प्रदेश अध्यक्ष के लिए ट्रेन का रूट बदला
सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष के लिए नई दिल्ली से लखनऊ आ रही शताब्दी ट्रेन को बदले रूट से लाया गया। दरअसल, मानकनगर में इंटरलाकिंग कार्य के चलते 28 अगस्त से दो सितंबर तक शताब्दी समेत कई ट्रेनों के रूट बदलकर बालामऊ के रास्ते शताब्दी ट्रेन को लखनऊ पहुंचना था। मगर इस ट्रेन को पूर्व की तरह उन्नाव के बाद सीधे लखनऊ लाया गया।

बता दें कि 28 सितंबर को शताब्दी बदले रूट से छह घंटे देरी से लखनऊ पहुंची थी। इस वजह से सोमवार को इंटरलाकिंग का काम तीन घंटे रोककर शताब्दी को सीधे रूट से लखनऊ आया गया। इस दौरान शताब्दी ट्रेन मात्र 30 मिनट देरी से पहुंची। जबकि रविवार को यही ट्रेन सात घंटे की देरी से लखनऊ जंक्शन पहुंची थी।