दलित नेता जगदीश हत्याकांड के एक संदिग्ध ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। दरअसल, उस संदिग्ध ने ठीक उसी दिन आत्महत्या की जिस दिन जगदीश के शव का अंतिम संस्कार हुआ था। राजस्व क्षेत्र का मामला होने के चलते पंचायतनामा और पोस्टमार्टम कराये बगैर ही उसकी अंत्येष्टि कर दी गई थी। पुलिस इस आत्महत्या को जगदीश हत्याकांड से जोड़कर जांच कर रही है।

सवर्ण युवती से विवाह करने पर सल्ट क्षेत्र के ग्राम पनुवाद्योखन निवासी जगदीश चंद्र की बीती एक सितंबर की रात ससुरालियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। इसी दिन दो पुरुष और एक महिला जगदीश की पत्नी गीता उर्फ गुड्डी की तलाश में अल्मोड़ा स्थित एक अधिवक्ता के घर भी पहुंचे थे।
उस समय गुड्डी पास के ही एक कमरे में मौजूद थी। आरोप है कि ये लोग गुड्डी को जबरन अपने साथ ले जाकर उसकी हत्या करने के इरादे से आये थे। इस मामले में अल्मोड़ा कोतवाली में तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। इधर, जांच में सामने आया है कि अल्मोड़ा पहुंचे उन तीन लोगों में गुड्डी का सौतेला भाई गोविंद सिंह उसकी मां भावना और एक अन्य व्यक्ति था।
जांच में सामने आया है कि जिस समय तीन लोग अल्मोड़ा पहुंचे थे, उस समय गुड्डी के सौतेले पिता जोगा सिंह की लोकेशन भिकियासैंण में ही थी। इससे साफ है कि जेल पहुंचे तीन आरोपियों के अलावा भी इस हत्याकांड में और लोग शामिल रहे हैं। अधिवक्ता के घर पहुंचे दो लोगों की आवाज गुड्डी ने पहचान ली थी। उस तीसरे संदिग्ध की पुलिस और सर्विलांस टीम शिनाख्त में जुटी हुई है।
इसी बीच सामने आया कि बीती तीन सितंबर को ही उस क्षेत्र में करीब 30 साल के युवक ने जहर खाकर जान दे दी है। इसे लेकर चर्चाएं हैं। पुलिस की एक टीम उस व्यक्ति के घर में पूछताछ के लिए पहुंच चुकी है। हालांकि मृतक के परिजन पारिवारिक विवाद के कारण युवक के आत्महत्या करने की बात कर रहे हैं।
जगदीश हत्याकांड के तीसरे ही दिन राजस्व क्षेत्र के एक गांव में युवक ने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस पूछताछ में उसके परिजनों ने बताया कि घरेलू विवाद के कारण आत्महत्या की है। क्यों कि हत्याकांड की जांच में युवक संदिग्धों में था, इसी लिए पुलिस गांव गई थी, मामला राजस्व क्षेत्र का है। युवक के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया। पुलिस मामले में सभी एंगल से जांच कर रही है।
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