लखनऊ(DDC NEWS AGENCY) 11 सितम्बर 2022 देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने अनुसूचित जातियों का दलित दंश समाप्त करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुँचाकर दलितों के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु बड़ा कदम उठाया है। उक्त बातें आज अति विशिष्ट अतिथि गृह लखनऊ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उ0प्र0 अनुसचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डा0 लालजी प्रसाद निर्मल ने कही।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से स्वच्छ भारत मिशन की घर-घर शौचालय योजना ने सदियों से चली आ रही हांथ से मैला उठाने की प्रथा पर पूर्ण विराम लगा दिया उसी प्रकार प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पी0एम0-अजय) दलितों का सामूहिक आर्थिक सशक्तिकरण करके सदियों से चले आ रहे दलित त्रासदी(दंश) को समाप्त करेगा। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के नाम से जानी जायेंगी। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित होगी। दलित बाहुल्य क्षेत्रों में समूहों/क्लस्टर के रूप में अनुसूचित जाति के उद्यमी बनाने हेतु आय-सृजक योजनाएं चलायी जायेंगी तथा उक्त गावों में आय-सृजन हेतु आवश्यक निर्माण भी कराये जायेंगे। पी0एम0-अजय योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों हेतु नये छात्रावासों का निर्माण होगा तथा पुराने छात्रावासों का नवीकरण/सुदृढ़ीकरण कराया जायेगा।

डा0 निर्मल ने कहा कि उ0प्र0अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं में पात्रता हेतु अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा रू0 47080 तथा शहरी क्षेत्रों में रू0 56460 तथा अनुदान की धनराशि रू0 10 हजार निर्धारित थी। जुलाई 2018 में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने आय सीमा एवं अनुदान सीमा में वृद्धि करने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया था। केन्द्र सरकार ने व्यापक मंथन करके अब पात्रता हेतु आय सीमा और अनुदान में बड़ा बदलाव किया है। इन योजनाओं में अब वार्षिक आय सीमा को सीमामुक्त (सभी के लिए) करते हुए रू0 2.50 लाख रूपये से कम वार्षिक आय के लोगों को योजनाओं में प्राथमिकता देने की व्यवस्था की गयी है। अनुदान राशि रू0 10 हजार के स्थान पर अब सहायता राशि रू0 50 हजार प्रति लाभार्थी दी जायेगी।
अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को उद्यम स्थापित करने के लिए लाभपरक परियोजनाओं के माध्यम से उनका आर्थिक सशक्तिकरण किया जायेगा और इस हेतु अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के क्लस्टर/समूहों/समितियों का चयन किया जायेगा। इन समूहों द्वारा प्रस्तुत परियोजनाओं के सफल संचालन के लिए उनकी समयबद्ध प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। व्यक्तिपरक परियोजनाओं की जगह दलितों के समूहों को उद्यमी बनाया जायेगा। लाभार्थियों के प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिलाने तथा उनके उद्यम पर निगरानी रखने के लिए PIU (Project Implementation Unit) की व्यवस्था राज्य और जनपद स्तर पर की गयी है जिसमें प्रोजेक्ट आफिसर, प्रोजेक्ट टेक्निकल असिस्टेंट, प्रोजेक्ट कम्प्यूटर असिस्टेंट तथा राज्य स्तर पर स्टेट को-आर्डीनेटी एवं स्टाफ की व्यवस्था की गयी है। इन लाभार्थियों के उत्पादों को बाजार प्रदान करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गयी है। इस हेतु बड़े-बड़े उद्यमी समूहों से संवाद भी किया जा रहा है।

प्रदेश में 6171 अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किये जाने की व्यवस्था की गयी है जिसमें सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। सरकार द्वारा प्रत्येक चयनित गांव में 20 लाख रूपये की राशि से विकास कार्य कराये जायेंगे और अवशेष कार्य विभिन्न विभागों के माध्यम से कराये जायेंगे। इन गावों में क्लस्टर के रूप में चिन्हित लाभार्थियों को उद्यम लगाने हेतु आवश्यक निर्माण भी कराया जायेगा।
`डा0 निर्मल ने बताया कि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के अंतर्गत प्रदेश में 6 नये बाबू जगजीवनरामछात्रावासों का निर्माण कराया जायेगा तथा वर्तमान में निर्मित/संचालित 261 बाबू जगजीवनराम छात्रावासों में से मरम्मत योग्य छात्रावासों के मरम्मत का कार्य कराया जायेगा। छात्रावासों के निर्माण हेतु प्रति अंतःवासी रू0 3 लाख का व्यय सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। फर्नीचर हेतु 5 हजार रूपये प्रति अंतःवासी की दर से धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। बालिका छात्रावासों के निर्माण हेतु उन क्षेत्रों का प्राथमिकता दी जायेगी जहां बालिकाओं की साक्षरता दर कम है। बालिका छात्रावासों में महिला सुरक्षा गार्ड और महिला छात्रावास अधीक्षिका की नियुक्ति की जायेगी। पुराने छात्रावासों की मरम्मत हेतु 50 अंतःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 5 लाख रूपये, 100 अंतःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 10 लाख रूपये तथा 150 अंतःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 15 लाख रूपये खर्च किये जायेंगे।
डा0 निर्मल ने बताया कि अनुसूचित जाति के लिए आजादी के बाद पहली बार दलित आर्थिक एजेण्डा के रूप में स्टैंड-अप इण्डिया योजना के बाद प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना लागू की गयी है जो दलितों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगी और आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के पहले ही अनुसूचित जातियों का दलित दंश इस योजना के माध्यम से समाप्त हो जायेगा।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal