Gujarat Assembly Election 2022 गुजरात में मुस्लिम वोट पाने के लिए भाजपा ने नई रणनीति बनाई है। विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी 100 अल्पसंख्यक मित्र बनाएगी। प्रत्येक मित्र को भाजपा के लिए 50 अल्पसंख्यक वोट सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी।
भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने गुजरात में मुसलमानों को जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत संबंधित समुदाय की अच्छी-खासी संख्या वाले विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 100 ‘अल्पसंख्यक मित्र’ बनाए जाएंगे। पार्टी नेता जमाल सिद्दीकी ने रविवार को यह बात कही। राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
अल्पसंख्यक वोट सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी
भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख ने कहा कि इस तरह के विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों, खासकर मुस्लिमों को पार्टी की बूथ समितियों में भी शामिल किया जाएगा। सिद्दीकी ने कहा, भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के कम से कम 100 मुसलमानों को पार्टी से सहानुभूति रखने वालों के रूप में जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। वे आध्यात्मिक नेता, पेशेवर, उद्यमी या फिर सरकार में काम करने वाले भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के ऐसे प्रत्येक अल्पसंख्यक मित्र को अपने आसपास से भाजपा के लिए 50 अल्पसंख्यक वोट सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
109 विधानसभा क्षेत्रों से किया जाएगा शामिल
सिद्दीकी ने कहा कि अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्यों को 109 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की बूथ समितियों में शामिल किया जाएगा, जहां मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है और उनके 25,000 से एक लाख तक वोट हैं। भाजपा की यह पहल ऐसे समय में हुई है, जब गुजरात में बिलकिस बानो के साथ दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में सजा काट रहे 11 लोगों को रिहाई की वजह से पार्टी को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
इस बारे में पूछे जाने पर सिद्दीकी ने अपनी पार्टी की सरकार का बचाव करते हुए कहा कि उसने हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए एक समिति बनाई थी और उस समिति ने दोषियों को रिहा करने का फैसला किया। सिद्दीकी ने कहा कि यह केवल भाजपा सरकार थी, जिसने उन्हें दंडित किया और एक निश्चित सजा काटकर वे रिहा हो गए.. आखिरकार, दया भारतीय संस्कृति का हिस्सा है।
गुजरात दंगों को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वर्ष 2002 के दंगों के बारे में पूछे जाने पर सिद्दीकी ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। उन्होंने कहा, “दंगे 2002 में हुए थे, ये दुर्भाग्यपूर्ण थे। यह अब अतीत है, लोग आगे बढ़ गए हैं। लोगों ने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जाति और धर्म के आधार पर अंतर नहीं करते हैं।