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मानसून अब फिर से एक सप्ताह आंशिक रूप से ब्रेक

नई दिल्‍ली. देश के कई हिस्‍सों में मानसून के कारण अधिक बारिश हुई है. दिल्‍ली में भी पिछले दिनों हुई बारिश से जगह-जगह जलजमाव देखने को मिला था. वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि मानसून अब फिर से आंशिक रूप से ब्रेक फेज में जा रहा है. इसका मतलब हुआ कि अब उत्‍तर पूर्वी और मध्‍य भारत में कम से कम एक हफ्ते तक कम बारिश होगी.

इससे पहले 29 जून से 11 जुलाई तक मानसून की बारिश में ‘ब्रेक’ लगा था और अगस्त के पहले दो हफ्तों में बहुत कमजोर मानसून देखा गया था. इसके कारण अगस्‍त में पूरे देश में बारिश में महत्वपूर्ण कमी आई थी. आईएमडी ने कहा है कि मानसून 19 अगस्त को उत्तर पश्चिम भारत में फिर से सक्रिय हुआ था, लेकिन 24 अगस्त से इसके फिर से कमजोर होने की संभावना है.

मौसम विभाग के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि का कहना है, ‘रविवार तक भारी बारिश की संभावना है, लेकिन उत्तर पश्चिम भारत में बारिश सोमवार से काफी कम होने की उम्मीद है. हम कम से कम 5 दिनों के लिए फिर से कमजोर मानसून की स्थिति की उम्मीद कर रहे हैं. पश्चिमी तट या उत्तर पश्चिम भारत में कोई बड़ी बारिश की उम्मीद नहीं है, लेकिन पूर्वी राज्यों विशेष रूप से पूर्वोत्तर में बारिश होगी. यह मुख्य रूप से हिमालय की तलहटी के ऊपर मॉनसून ट्रफ के उत्तर की ओर खिसकने के कारण हुआ है. इसलिए, मैदानी इलाके काफी हद तक सूखे रहेंगे.’

स्‍काईमेट वेदर के जलवायु परिवर्तन और मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, ‘हम आंशिक ब्रेक मानसून फेज में प्रवेश कर रहे हैं. इस सीजन में यह तीसरी बार होगा. मानसून की ट्रफ के उत्तर की ओर शिफ्ट होने के कारण दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अधिकांश हिस्से महीने के अंत तक सूखे रहेंगे. गुजरात या महाराष्ट्र में भी कोई खास बारिश की उम्मीद नहीं है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश हो सकती है. यह मानसून में आंशिक रुकावट होगी. क्योंकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में बारिश जारी रहने की उम्मीद है.’

आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, रायलसीमा और उत्तरी तमिलनाडु के मध्य भागों में पूर्वोत्तर राजस्थान से दक्षिण तमिलनाडु और उससे सटे श्रीलंका के तटों तक एक ट्रफ रेखा चल रही है. इन मौसम संबंधी स्थितियों के कारण, उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों और इससे सटे मध्य भारत में बारिश की गतिविधि 23 अगस्त तक जारी रहने और उसके बाद कम होने की संभावना है.