कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के वाहक बताए जा रहे महंगे ड्रोन पर सब्सिडी की उम्मीद कर रहे किसान नियमों में फंस गए हैं। विभाग का कहना है कि ड्रोन पर सब्सिडी तो मिलेगी लेकिन शर्त है।

कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के वाहक बताए जा रहे महंगे ड्रोन पर सब्सिडी की उम्मीद कर रहे किसान नियमों में फंस गए हैं। विभाग का कहना है कि ड्रोन पर सब्सिडी तो मिलेगी लेकिन शर्त है कि किसान पर बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री होनी चाहिए। इसी शर्त के कारण बागपत में स्प्रे ड्रोन के लिए पांच किसानों के आवेदन अब तक निरस्त हो चुके हैं।
किसानों की आय बढ़ाने और लागत कम करने के लिए फसलों पर छिड़काव के लिए ड्रोन पर सब्सिडी की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए किसानों से आवेदन मांगे गए। ड्रोन खेत में दवा का छिड़काव मिनटों में कर रहे हैं। इसके जरिए समय के साथ-साथ कीटनाशक, दवा और उर्वरक की भी बचत होगी। क्योंकि ड्रोन के इस्तेमाल से एक एकड़ खेत में खाद या कीटनाशका का छिड़काव करने में मात्र पांच से 10 मिनट का समय लगता है।
50 का अनुदान
डीडी एग्रीकल्चर प्रशांत कुमार ने बताया कि ड्रोन की कीमत 8 से 10 लाख रुपये के बीच है। यदि किसी किसान का आवेदन स्वीकृत किया जाता है तो संबंधित किसान को ड्रोन खरीदने पर 40 से 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
डीडी एग्रीकल्चर, प्रशांत कुमार ने कहा कि ड्रोन खरीदने के लिए बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री अनिवार्य है। पांच किसानों ने आवेदन किया था, लेकिन किसी के पास भी बीएससी एग्रीकल्चर डिग्री नहीं थी, जिस कारण आवेदन अस्वीकार कर दिए गए।
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