राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत 16 से 18 अक्तूबर तक प्रयागराज में प्रवास पर रहेंगे। दो साल में यह तीसरा मौका होगा जब संघ प्रमुख संमगनगरी आएंगे। वह यमुनापार के गौहनिया स्थित वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल परिसर में होने जा रही आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक में संघ के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ ही हर प्रांत से प्रांत संघचालक, प्रांत कार्यवाह व प्रांत प्रचारक भाग लेंगे। बैठक में प्रांतों के प्रतिनिधि सेवाकार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेंगे और संगठन के आगे की कार्ययोजना पर चर्चा होगी।

बता दें कि इससे पहले 19 फरवरी 2021 को संगमनगरी पहुंचने पर संघ प्रमुख ने पहली बार गंगा पूजन किया था। 2020 में 22 व 23 नवंबर को गौहनिया स्थित वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल में वह संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने आए थे। सूत्रों के अनुसार अक्तूबर में 16 से 18 तक की बैठक के दौरान वह पांच दिन प्रवास कर सकते हैं।
वहीं भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि कुछ देशों, विशेष रूप से चीन ने अपने स्वार्थी लक्ष्यों के लिए श्रीलंका और पाकिस्तान का इस्तेमाल किया, लेकिन जब हाल ही में उन्हें संकट का सामना करना पड़ा, तो ये देश उन्हें बाहर निकालने के लिए आगे नहीं आए। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में हाल के आर्थिक संकट के दौरान, भारत एकमात्र ऐसा देश था जो अपने सबसे कठिन समय में चट्टान की तरह खड़ा होने के लिए अपने रास्ते से हट गया था।
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