लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 28 जनवरी को 12 सीटों के लिए विधान परिषद का चुनाव होना है। इन 12 सीटों में तो भारतीय जनता पार्टी की 10 सीटे तो पक्की है वहीं अखिलेश यादव के खाते में एक सीट पक्की। लेकिन समाजवादी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि अगर रमेश यादव को आगे भी सभापति बनाए रखना है तो उनको विधान परिषद भेजना होगा।
इसके अलावा अहमद हसन को नेता प्रतिपक्ष बनाए रखना है तो उनके नाम की लॉटरी लगेगी। विधान परिषद के लिए 12 सीटों में से सपा सिर्फ 1 सीट पर ही अपना उमीदवार जीता सकती है। 12 सीटों पर होने वाले चुनाव चुनाव में समाजवादी पार्टी किसको तवज्जो देगी अभी इसका नहीं पता चला। उनमें से अभी 6 सीटें सपा के पास हैं। अब उसे केवल एक विधायक मिल सकता है, तो फिर जाहिर है कि बाकी पांच का पत्ता साफ हो सकता है।
समाजवादी के पास 49 विधायक हैं और इस चुनाव में इसकी एक सीट पक्की है। एक सीट जीतने के बाद भी पार्टी के पास कुछ सरप्लस वोट बचेंगे, लेकिन भाजपा की तरह ये इतने नहीं होंगे कि दूसरे उम्मीदवार को जिताया जा सके। सपा को अभी और कड़ी मेहनत करनी होगी जैसे भाजपा के खाते में कई वोट पड़ते है। ठीक वैसे ही सपा को कई वोटों का जुगाड़ करना पड़ेगा।
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