दिसंबर में प्रस्तावित आरबीआई की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार (05 दिसंबर, 2022) से शुरू हो रही है। इस बैठक में महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी पर फैसला हो सकता है। साथ ही इस बात की भी उम्मीद लगाई जा रही है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास उन कारणों को साझा कर सकते हैं, जिन्हें बैंक की ओर से केंद्र सरकार को महंगाई में कमी न आने की वजह बताया गया है।

बता दें, 3 नवंबर को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई थी, जिसमें महंगाई के कारणों पर चर्चा की गई थी। आरबीआई एक्ट की धारा 45ZN के मुताबिक, जब भी केंद्रीय बैंक महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य को पाने में विफल हो जाता है, तो उसे केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजनी होती है, जिसमें ये बताया जाता है कि तय अवधि में किन कारणों की वजह से महंगाई पर काबू रखने में विफल हुआ है।
6 प्रतिशत के पार जा सकता है रेपो रेट
आरबीआई की ओर से पिछले कुछ महीनों में तेजी से ब्याज दर को बढ़ाया गया है। जानकारों का मानना है कि ये सिलसिला इस बार भी जारी रहेगा और ब्याज दर 25-30 आधार अंक तक बढ़ सकती है। पिछली मौद्रिक कमेटी की बैठक में ब्याज दरों में इजाफा किया गया था। फिलहाल रेपो रेट 5.90 प्रतिशत है। अगर इस बार भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाती है, तो यह 6.00 प्रतिशत के पार पहुंच सकती है।
पिछली चार बैठकों से आरबीआई की ओर से ब्याज दरों को बढ़ाया गया है। अब तक केंद्रीय बैंक ब्याज दर को कुल 1.90 प्रतिशत तक बढ़ा चुका है।
महंगाई उच्च स्तर पर
सरकार की ओर से जारी किए गए खुदरा महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में महंगाई घटकर 6.77 प्रतिशत रह गई है। सितंबर में ये 7.41 प्रतिशत थी। हालांकि, बढ़ी बात यह है कि महंगाई लगातार आरबीआई की ओर से तय किए गए स्तर 2-6 प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है।
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