लखनऊ।। प्रदेश के किसानों को बीज की कमी नहीं दी जाएगी। सभी बिक्री केंद्रों पर बुवाई शुरू होने के 15 दिन पहले ही बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इसी तरफ खाद की कालाबाजारी पर पूरी तरह से सख्ती करने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में विभाग की ओर से सभी जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से किसानों को खाद- बीज में किसी तरह की समस्या न आने देने का निर्देश दिया गया है। इसी रणनीति के तहत विभाग रबी सीजन में हर स्तर पर सक्रिय हो गया है। कृषि निवेशों की उपलब्धता के लिए समय-सारिणी तय की गई है। अलसी का बीज 10 अक्टूबर से बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध है। जौ का बीज 20 अक्टूबर, गेहूं का बीज जनपद स्तर पर 20 अक्टूबर व बिक्री केंद्रों पर 25 अक्टूबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह 60.25 मीट्रिक टन उर्वरकों की उपलब्धता का लक्ष्य तय है। इसमें डीएपी 15.48 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 3.82 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 1.32 लाख मीट्रिक टन, एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट), 3.50 लाख मीट्रिक टन खपत का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्र सरकार की तरफ से 2023-24 में पीएम प्रणाम योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत एकीकृत तत्व प्रबंधन करते हुए रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग पर जोर है। यूरिया, डीएपी के बजाय जैविक उर्वरक के प्रयोग पर जोर है।

प्रदेश के किसानों को बीज की कमी नहीं दी जाएगी। सभी बिक्री केंद्रों पर बुवाई शुरू होने के 15 दिन पहले ही बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इसी तरफ खाद की कालाबाजारी पर पूरी तरह से सख्ती करने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में विभाग की ओर से सभी जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से किसानों को खाद- बीज में किसी तरह की समस्या न आने देने का निर्देश दिया गया है। इसी रणनीति के तहत विभाग रबी सीजन में हर स्तर पर सक्रिय हो गया है। कृषि निवेशों की उपलब्धता के लिए समय-सारिणी तय की गई है। अलसी का बीज 10 अक्टूबर से बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध है। जौ का बीज 20 अक्टूबर, गेहूं का बीज जनपद स्तर पर 20 अक्टूबर व बिक्री केंद्रों पर 25 अक्टूबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह 60.25 मीट्रिक टन उर्वरकों की उपलब्धता का लक्ष्य तय है। इसमें डीएपी 15.48 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 3.82 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 1.32 लाख मीट्रिक टन, एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट), 3.50 लाख मीट्रिक टन खपत का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्र सरकार की तरफ से 2023-24 में पीएम प्रणाम योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत एकीकृत तत्व प्रबंधन करते हुए रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग पर जोर है। यूरिया, डीएपी के बजाय जैविक उर्वरक के प्रयोग पर जोर है।
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