मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टियों ने तेजी पकड़ ली है। भाजपा-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में टिकट वितरण को लेकर जाहिर नाराजगी अब मैदान तक पहुंच गई है। अभी नॉमिनेशन की वापसी को लेकर समय है। लेकिन अभी से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है तो उज्जैन की बड़नगर सीट से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल ने भी निर्दलीय भाग्य आजमाने का दावा किया है। भोपाल उत्तर से भी कांग्रेस नेता नासिर इस्लाम पार्टी के प्रत्याशी आतिफ अकील के खिलाफ मैदान में उतर रहे हैं। इससे समुदाय विशेषों वाले बहुल सीट पर कांग्रेस के वोटों का ध्रुवीकरण होने की संभावना बन रही है।
इन जगहों पर त्रिकोणीय मुकाबला बनने के आसार
सीधी में भाजपा के बागी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। कहीं छोटे दल भाजपा-कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं। कुछ आदिवासी बहुल सीटों पर जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बना दी है। चाचौड़ा, पथरिया, मैहर, बंडा, लहार, मुरैना और नागौद जैसी सीटों पर भी त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना बन रही है।
मध्य प्रदेश में सत्ता अख्तियार करने का दावा रही कांग्रेस ने इस तरह से विरोध प्रदर्शन, पुतला दहन से लेकर आत्मदाह की कोशिश की कल्पना भी नहीं की होगी। नाराज कार्यकर्ताओं ने बड़े नेताओं को भी नहीं छोड़ा तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ कार्यकर्ताओं के सामने धैर्य खो बैठे और यह तक कह दिया कि जाकर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ो। जाहिर है, कांग्रेस ने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए कोई योजना नहीं बनाई थी।
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