पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों को दी गई पुनर्मूल्यांकन सुविधा वापस ले ली है। बता दें कि शिक्षा बोर्ड की ओर से री-चेकिंग की सुविधा तो पहले से ही मुहैया कराई गई थी, लेकिन पुनर्मूल्यांकन की सुविधा कुछ समय पहले ही दी गई थी। विश्वविद्यालयों में Re-valuation (पुनर्मूल्यांकन) की सुविधा प्रदान की जाती है पर शिक्षा बोर्ड में नहीं। कोरोना काल से पहले छात्रों ने यह मांग जोर-शोर से उठाई थी कि शिक्षा बोर्ड की तरफ से पुनर्मूल्यांकन की भी सुविधा दी जानी चाहिए। इस पर शिक्षा बोर्ड की तरफ से पुनर्मूल्यांकन की सुविधा दी गई थी
इस सुविधा के अनुसार, जब कोई परीक्षार्थी किसी विषय में फेल हो जाता है, तो वह शिक्षा बोर्ड से निर्धारित फीस भरकर अपने पेपर की दोबारा पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए कह सकता है। अक्सर पुनर्मूल्यांकन कराने से परीक्षार्थी के अंक बढ़ जाते थे और वह पास हो जाता था, लेकिन अब अचानक कुछ वर्षों के बाद शिक्षा बोर्ड ने यह सुविधा वापस ले ली है, जिसका छात्रों द्वारा चौतरफा विरोध किया जा रहा है।
इस संबंध में शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षा बोर्ड में दोबारा जांच (रीचैकिंग) का प्रावधान तो है लेकिन पुनर्मूल्यांकन की सुविधा बरकरार नहीं रखी जा सकती। अब अगर किसी विद्ायर्थी के किसी विषय में अंक कम आते हैं तो वह दोबारा सिर्फ अंक जोड़ने की मांग कर सकता है। इस प्रणाली को पुनः जांच कहा जाता है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा बोर्ड को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। जब विश्वविद्यालय में छात्र को पुनर्मूल्यांकन की सुविधा दी जा सकती है तो शिक्षा बोर्ड यह सुविधा क्यों नहीं दे सकता।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal