शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल ने मामले की तकनीकी जांच कर आरोपी को न्यू अशोक नगर से गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान शैलेंद्र डबराल के रूप में हुई है।
रोहिणी इलाके में एक महिला को स्टडी लोन दिलाने का झांसा देकर 39 लाख रुपए ठगी करने का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल ने मामले की तकनीकी जांच कर आरोपी को न्यू अशोक नगर से गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान शैलेंद्र डबराल के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से ठगी में इस्तेमाल चार मोबाइल फोन बरामद किया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया की रोहिणी की रहने वाली एक महिला ने साइबर पोर्टल पर ठगी की शिकायत की। रोहिणी साइबर सेल ने शिकायत पर पीड़िता का बयान लेकर ठगी का मामला दर्ज कर लिया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि पिछले साल अप्रैल माह में वह स्टडी लोन के लिए सुलेखा डॉट कॉम पर अपना विवरण डाला था। उसे साढ़े 13 लाख रुपये लोन लेना था। विवरण में उसने अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर दिया था। 10 अप्रैल को नकुल नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया। उसने खुद को लोन ब्रोकर बताया। उसने एक वित्तीय कंपनी आरएस इंटरप्राइजेज से लोन दिलाने की बात कही। उसने पीड़िता को कंपनी के मालिक और अकाउंटेंट का नंबर दिया।
उसके बाद आरोपी ने आवेदन दस्तावेज, सत्यापन, लोन अनुमोदन, अग्रिम ईएमआई सहित अन्य मद में पीड़िता से पैसे की मांग की। शिकायतकर्ता ने 70 से अधिक लेन-देन में आरोपी को 39 लाख का भुगतान किया। लोन नहीं मिलने पर आरोपी ने पैसे वापस करने के लिए कहा। लेकिन आरोपी ने पीड़िता का नंबर ब्लॉक कर दिया।
रोहिणी साइबर सेल ने एसआई सुदेश जांगड़ा के नेतृत्व में जांच शुरू की। पुलिस टीम ने आरोपियों के बैंक खातों की जांच की। साथ ही सुलेखा डॉट कॉम से शिकायतकर्ता और आरोपी के बारे में जानकारी हासिल की। सुलेखा डॉट कॉम ने आरोपी शैलेंद्र डबराल के बारे में जानकारी दी।
आरोपी के फोन नंबरों का विवरण से भी पता चला कि फोन शैलेंद्र डबराल के नाम पर पंजीकृत है। तकनीकी निगरानी करने के बाद पुलिस ने आरोपी को न्यू अशोक नगर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले एक बैंक डायरेक्ट सेल एसोसिएट (डीएसए) के रूप में काम करता था। वह बैंक को लोन लेने वाले ग्राहक की जानकारी मुहैया करता था। जिसकी जानकारी वह सुलेखा डॉट कॉम से लेता था। अधिक पैसा कमाने के लिए उसने लोन की सुविधा के बहाने लोगों से ठगी करने लगा। लोगों से संपर्क करने के लिए वह फर्जी सिम कार्ड की व्यवस्था की।
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