गाजा में मानवीय सहायता की उम्मीद में बैठे लोगों के लिए शनिवार को अमेरिका ने पहली बार विमान से मदद पहुंचाई। तीन सी-130 विमानों ने क्षेत्र में पैराशूट के माध्यम से 35,000 से अधिक खाने के पैकट गिराए। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यहां एक चौथाई आबादी अकाल से बस एक कदम दूर है। फलस्तीनियों ने इंटरनेट मीडिया पर सहायता के लिए गिराए गए पैकेट का वीडियो साझा किया।
व्हाइट हाउस ने कहा कि इजरायल इस ऑपरेशन का समर्थन करता है। वहीं, घरेलू और विदेशी दबाव के बीच बाइडन प्रशासन साइप्रस से समुद्र द्वारा जहाज के माध्यम से भी सहायता भेजने पर विचार कर रहा है।
गाजा युद्धविराम वार्ता फिर शुरू होने की संभावना
गाजा युद्धविराम वार्ता रविवार को काहिरा में फिर से शुरू होने की संभावना है, लेकिन इजरायल ने हमास से उन अपहृत बंधकों की सूची मांगी है, जो जीवित हैं। इजरायल ने कहा है कि काहिरा वार्ता में वह तब तक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेगा, जब तक सूची नहीं मिल जाती। वह जिन मुद्दों पर काम कर रहा है, वह यह है कि गाजा से कितने बंधकों को रिहा किया जाएगा और उनमें से प्रत्येक के बदले में कितने फलस्तीनियों को रिहा करेगा।
‘रमजान तक हो जाएगा युद्धविराम’
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि रमजान तक युद्धविराम हो जाएगा। इस बीच लेबनान में इजरायली हमले में हिजबुल्ला के सात लड़ाके मारे गए हैं। वे जिस कार में जा रहे थे उसे नकौरा में निशाना बनाया गया। वहीं, हिजबुल्लाह ने कहा कि विस्फोटक ड्रोन का उपयोग कर लिमन गांव में एक इजरायली सैन्य मुख्यालय पर हमला किया गया।
अब तक नौ हजार महिलाएं मारी जा चुकीं
इजरायली हवाई हमले में रफाह में शनिवार को 11 फलस्तीनी मारे गए। यह वह स्थल था जहां लोगों ने शरण ले रखी थी। गाजा पट्टी में अबतक 30,320 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा में इजरायली बलों द्वारा अनुमानित 9,000 महिलाओं की हत्या की गई है। यहां भुखमरी की स्थित भयावह है। पांच में से चार महिलाओं (84 प्रतिशत) ने संकेत दिया है कि उनके परिवार के कम से कम एक सदस्य को पिछले सप्ताह के दौरान भोजन छोड़ना पड़ा। इनमें से 95 प्रतिशत मामलों में माताएं भोजन के बिना रहती हैं। अपने बच्चों को खिलाने के लिए कम से कम एक समय का भोजन नहीं करती हैं।
सहायता काफिले के पास इजरायली सेना ने चलाई थीं गोलियां- ईयू
यूरोपीय संघ की राजनयिक सेवा ने शनिवार को कहा कि सहायता काफिले से आटे के बैग लेने की कोशिश कर रहे कई फलस्तीनी, इजरायली सेना की गोलीबारी में मारे गए थे। इसे लेकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। गौरतलब है कि मदद की आस में जमा लोगों पर हमला कर दिया गया था जिससे सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 700 लोग घायल हुए थे। इसकी विश्व भर में आलोचना हुई थी। हालांकि इजरायल ने हमले से इन्कार किया है।
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