दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र जल्द ही प्राचीन खेल (लागोरी, त्रिपद दौड़. चकमा, मैदान पर सांप- सीढ़ी) जैसे खेल खेलते नजर आएंगे। डीयू अपने मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम के तहत दो नए पाठ्यक्रमों इंडिजेनस (देशज खेल) और स्पोर्ट्स डायवर्सिटी और इन्क्लयूसिविटी शुरू करने जा रहा है।
हाल ही में हुई अकादमिक परिषद की बैठक में दोनों पाठ्यक्रमों को शुरू करने को लेकर मंजूरी मिल चुकी है। अब शुक्रवार को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक में इसे पास कराने के लिए रखा जाएगा। खेलों पर आधारित यह कोर्स दो-दो क्रेडिट के होंगे।
स्पोर्ट्स डायवर्सिटी और इन्क्लयूसिविटी कोर्स में दिव्यांग छात्रों के साथ सामान्य छात्र भी इन्हें खेलेंगे। मूल्य संवर्धन समिति के अध्यक्ष और डीन प्लॉनिंग प्रो. निरंजन कुमार ने बताया कि कुलपति प्रो. योगेश सिंह के निर्देशानुसार ही इन पाठ्यक्रमों को तैयार किया गया है। इस तरह से अब मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों की संख्या 30 से अधिक हो गई है। देशज में ऐसे खेल होंगे जिससे छात्रों को पुरानी संस्कृति को जानने व समझने का अवसर मिलेगा।
इस तरह से छात्रों को मूल्य संवर्धन कोर्स के पूल में इसका विकल्प भी मिलेगा। यह छात्र पर है कि वह 30 से ज्यादा इन कोर्सेज में से कौन सा लेना चाहते हैं। यह पूरी तरह से प्रैक्टिकल आधारित होंगे। इन्हें कार्यकारी परिषद से मंजूरी मिलते ही अगस्त से शुरू होने वाले सत्र से शुरू कर दिया जाएगा।
दूसरा कोर्स खेल विविधता और समावेशिता का होगा। इसमें दिव्यांग छात्रों को सामान्य छात्रों के साथ खेलने का अवसर मिलेगा। इसमें एरोबिक्स, भारतीयम, सामूहिक योगासन और सामूहिक शारीरिक गतिविधियां कराई जाएंगी। इससे छात्रों में सामूहिकता की भावना भी उत्पन्न होगी। इस तरह के खेलों से छात्रों के तनाव को दूर करने में भी मदद मिलेगी और वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनेंगे।
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