कैंसर (Cancer) शब्द सुनते ही सबके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कैंसर किसी भी प्रकार का हो, ये एक खतरनाक बीमारी है, जिसका समय से पता चलना बहुत ही मायने रखता है। कैंसर के कई स्टेज होते हैं, जिसमें शुरुआती स्टेज पर इसकी पहचान हो जाना एक उपलब्धि है। ब्लड कैंसर (Blood Cancer) इस जानलेवा बीमारी का एक बेहद गंभीर प्रकार है, जो हमारे ब्लड और बोन मैरो को प्रभावित करता है। ये ब्लड सेल के डीएनए में बदलाव और म्यूटेशन के कारण शुरू होता है।
ये मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं, ल्यूकीमिया, लिंफोमा और मायलोमा। दुनिया में लगभग हर 3 मिनट पर एक ब्लड कैंसर के मरीज की पहचान होती है। ऐसे में इस साइलेंट किलर के रेड फ्लैग पहचानना बहुत जरूरी है, जिससे समय रहते सही बचाव और इलाज किया जा सके। इसलिए शरीर में नजर आने वाले इन 5 संकेतों भूलकर भी इग्नोर न करें-
सांस फूलना और थकान
अगर आपको थकान के साथ ही सांस फूलने की परेशान आ रही हैं, तो सतर्क हो जाए। रेड ब्लड सेल की संख्या घटने के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है, जिससे सांस फूलती है। एनीमिया होने के कारण हर समय थकान और स्किन में पीलापन भी छाया रहता है।
स्किन रैश
बिना किसी कारण त्वचा में कहीं भी लाल रैश, चोट, ब्रूज आदि का होना भी ब्लड कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसा प्लेटलेट का प्रोडक्शन कम होने के कारण होता है, जिसकी वजह से अनावश्यक ब्लीडिंग हो जाती है और ये समस्या होती है।
लगातार फीवर और इन्फेक्शन
व्हाइट ब्लड सेल की संख्या कम होने के कारण शरीर इन्फेक्शन से लड़ने में असमर्थ होता है, जिससे बार-बार फीवर हो सकता है और साथ ही तेजी से इन्फेक्शन भी होने लगता है।
सूजन या गांठ
लिंफ नोड्स में कैंसर सेल मौजूद होने के कारण ये असामान्य रूप से विकसित होती हैं, जिससे शरीर के कुछ विशेष हिस्सों में सूजन या गांठ जैसा महसूस हो सकता है। ऐसा गर्दन, आर्मपिट या ग्रोइन जैसे हिस्सों में होना संभव है।
रात में पसीना आना और वजन घटना
कैंसर सेल साइटोकाइन लेवल को बढ़ाते हैं, जिससे रात में पसीना आता है। इसे नाइट स्वेट कहते हैं। साथ ही कैंसर के तोड़ने वाले कैटाबोलिक नेचर के कारण भूख कम लगती है, जिससे वजन कम होने लगता है।
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