देश में जिस रफ्तार से बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, वह बेहद चिंताजनक है, अगर हम आंकड़ों की बात करें तो – भारत में हर घंटे 3 महिलाएं रेप का शिकार होती हैं, यानी हर 20 मिनट में 1
देश में रेप के मामलों में 96% से ज्यादा आरोपी महिला को जानने वाले होते हैं.
रेप के मामलों में 100 में से 27 आरोपियों को ही सजा होती है, बाकी बरी हो जाते हैं.
यह बात बिल्कुल साफ हो गई सख्त कानून होने के बावजूद हमारे देश में रेप के मामलों में न तो कमी आ रही है। और न ही सजा की दर यानी कन्विक्शन रेट बढ़ रहा है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सालभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के चार लाख से ज्यादा अपराध दर्ज किए जाते हैं. इन अपराधों में सिर्फ रेप ही नहीं, बल्कि छेड़छाड़, दहेज हत्या,किडनैपिंग, ट्रैफिकिंग, एसिड अटैक जैसे अपराध भी शामिल है।
बहुत रिसर्च करने के बाद चला कि बड़े-बड़े नामचीन अखबारों में ऐसी गंभीर घटनाओं को सिर्फ एक लाइन की जगह दी गई। मुझे नहीं पता कि इसका क्या कारण रहा होगा? देश की महिलाओं की तरफ से मैं इसका जवाब खोज रही हूं लेकिन मुझे इसका कोई जवाब नहीं मिला ” मेरा सवाल है सरकार से ,मेरा सवाल है राजनीतिक पार्टियों से ,मेरा सवाल है नारीवादी विचारको से, मेरा सवाल है ? हर उस इंसान से जो देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को तरक्की की राह पर ले जाना चाहते है।जवाब दे इस जहरीली मानसिकता से हमारा देश कब आजाद होगा |
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