उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बारिश ने अपना कहर बरपाया है। यहां पर औसत से अधिक बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। अभी प्रदेश के 11 जिलों के 37 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। कुशीनगर, महाराजगंज, लखीमपुर खीरी, बलिया, फर्रुखाबाद, गोंडा, कानपुर नगर, गौतम बुद्ध नगर, सीतापुर, हरदोई और शाहजहांपुर में लोग बाढ़ से परेशान हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान प्राकृतिक आपदा से सात लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद बारिश की वजह से हुए हादसों में अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है। किसी की मौत बिजली गिरने से हुई है और किसी की मकान ढहने से मौत हुई है।
अलर्ट मोड पर है प्रशासन
राहत विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सिद्धार्थ नगर, बदायूं, बलिया, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, गोंडा और कुशीनगर सहित जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर या उसके करीब बह रही हैं। विभाग ने बताया कि ये जिले या तो राज्य के तराई क्षेत्र में आते हैं या निचले हिमालयी क्षेत्र के जलग्रहण क्षेत्र में हैं जिसकी वजह से नेपाल और उत्तराखंड में बारिश के असर यहां होता है। जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए राहत विभाग के साथ-साथ जिले में स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है। गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया,‘‘पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के बाद हम सतर्क हैं। हमारे बाढ़ चौकियों और बाढ़ आश्रय स्थलों पर तैनात कर्मचारी सतर्क हैं। उन्हें स्थिति पर सक्रिय रूप से नज़र रखने के लिए कहा गया है।”
24 घंटे की अवधि में 150 मिमी से अधिक बारिश दर्ज
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गत 24 घंटे के दौरान 27.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य के 75 जिलों में से 55 में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। गोंडा, गोरखपुर, बलरामपुर ऐसे जिले हैं, जहां 24 घंटे की अवधि में 150 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, गत 24 घंटे की अवधि में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हुई। फतेहपुर में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि गाजीपुर में दो लोगों की मौत हुई। राहत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चित्रकूट और अयोध्या में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जिन जिलों में अधिक बारिश हुई है, वहां जिला प्रशासन को बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी गई है। वहीं, पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश से खेतों में जलभराव से धान, अरहर, मूंगफली व हरी सब्जियां उगाने वाले किसान चिंतित हैं। उन्हें फसल के खेतों में गिरने से नुकसान का डर सता रहा है।
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