प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है जो त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। ज्येष्ठ महीने का पहला प्रदोष व्रत 8 जून यानी आज रखा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं शिव-पार्वती की कपूर से आरती करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है। यह व्रत हर महीने त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने का पहला प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat 2025) 8 जून यानी आज के दिन रखा जा रहा है। ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद शिव जी का ध्यान करें। फिर शिवलिंग पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं।
इसके बाद मां पार्वती और शिव जी की कपूर से भव्य आरती करें। ऐसा करने से विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर होंगी। इसके साथ ही शिव कृपा मिलती है।
।।शिव जी की आरती।। (Lord Shiv Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
।।माता पार्वती की आरती।। (Mata Parvati Ki Aarti)
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता
सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।