तीन साल की सजा सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) दीपाली शर्मा ने टिप्पणी की कि उसने अपने निजी लाभ के लिए सार्वजनिक पद का दुरुपयोग किया। अदालत ने दोषी ट्रैफिक पुलिस कर्मी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी यतेन्द्र कुमार को एक हजार रुपये रिश्वत लेने का दोषी करार दिया है। तीन साल की सजा सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) दीपाली शर्मा ने टिप्पणी की कि उसने अपने निजी लाभ के लिए सार्वजनिक पद का दुरुपयोग किया। अदालत ने दोषी ट्रैफिक पुलिस कर्मी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) दीपाली शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि दोषी घटना के समय दिल्ली यातायात पुलिस बूथ, पुल मिठाई चौक पर जोनल अधिकारी के पद पर तैनात था। अपराध के परिणामों और लोगों के उत्पीड़न और समाज पर अपराध के प्रभाव को देखते हुए दोषी किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है।
हालांकि, अदालत ने कहा कि दोषी का कोई पूर्व इतिहास नहीं है और अभियोजन पक्ष ने दोषी का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं दिखाया है। दोषी की आयु लगभग 59 वर्ष है और उसके परिवार में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति उसकी पत्नी है।
अदालत ने कहा कि दोषी ने शिकायतकर्ता मुन्ना से मांगी गई और प्राप्त की गई अवैध रिश्वत की राशि 3,000 हजार रुपये थी, जो गवाह सुरेंद्र गुप्ता की वाहन छोड़ने के लिए नहीं थी। भ्रष्टाचार देश के विकास में सबसे महत्वपूर्ण बाधाओं में से एक है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने और सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तैयार किया गया था। इससे पहले अदालत ने दोषी को को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 और 13 (1) (डी) के तहत दोषी ठहराया था।
गाड़ी जब्त करने की धमकी देकर मांगे थे 5000 रुपये
शिकायतकर्ता मुन्ना का दावा था कि वह ड्राइवर के तौर पर काम करता था। 19 अगस्त, 2016 की सुबह वह अपना खाली टेम्पो लेकर बुध विहार से नया बाजार सामान लाने जा रहा था। जैसे ही पुल मिठाई चौक, आजाद मार्केट पहुंचा तो तीन ट्रैफिक पुलिस वालों ने टेम्पो रोका और वाहन से नीचे उतरने को कहा। वह जब उनके पास गया तो उनमें से एक ने उससे कहा कि वह नशे में है और उसके मुंह में एक मशीन डाल दी। कहा कि वे उसकी गाड़ी जब्त कर लेंगे। उन्होंने टेम्पो छोड़ने के एवज में 5000 रुपये मांगे। बाद में 3000 रुपये में मान गए। मुन्ना ने हजार रुपये दिए और कहा बाकी रकम वह बाद में देगा।