उत्तराखंड में प्रकृति का प्रकोप दिख रहा है। दो दिन की लगातार बारिश ने उत्तराखंड पर कहर बरपाया है। आज भी बादलों से राहत के आसार कम हैं। देहरादून हरिद्वार, टिहरी, चमोली और उत्तरकाशी में भारी बारिश को देखते हुए स्कूल बंद हैं। छह अगस्त को प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश परेशानी बढ़ा सकती है।
कर्णप्रयाग: बदरीनाथ हाईवे खुला, मलबा हटाने का काम जारी
कर्णप्रयाग के उमटा के पास पहाड़ी से मलबा आने के कारण बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद हो गया था, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। सुबह करीब 5:45 बजे हाईवे खुला तो राहत मिली, जिससे फंसे वाहनों को निकाल लिया गया। हालांकि अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने से इलाके में खतरा बना हुआ है, और मलबा हटाने का कार्य अब भी जारी है।
नई टिहरी: नगुण-भवान मार्ग अवरुद्ध
नई टिहरी के रोतुकीबेली के पास नगुण-भवान मार्ग एक पेड़ गिरने से बंद हो गया है। इस मार्ग के बाधित होने से स्थानीय लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। प्रशासन द्वारा पेड़ हटाने का कार्य शुरू किया गया है।
बड़कोट: यमुनोत्री घाटी में बारिश से हड़कंप
यमुनोत्री घाटी में लगातार तीसरे दिन बारिश जारी है, जिससे यमुना और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। स्याना चट्टी में यमुना नदी और कुपड़ा खड्ड में मलबे और पत्थरों के बहाव ने लोगों की नींद उड़ा दी है। यमुनोत्री हाईवे कई स्थानों पर मलबा और सड़क धंसने से बंद पड़ा है, जिससे आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है।
ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन घाट क्षतिग्रस्त, शिव मंच तक पहुंचा गंगा का पानी
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन घाट का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है और गंगा का पानी शिव मंच के नीचे से होकर बह रहा है। शिव मंच के चारों ओर लगी लोहे की ग्रिल भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हालांकि गंगा नदी अभी त्रिवेणी घाट पर डेंजर लेवल से 30 सेंटीमीटर नीचे बह रही है, लेकिन जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे खतरा बना हुआ है।
देवप्रयाग: नदियों का रौद्र रूप, घाट डूबे, जनजीवन प्रभावित
उत्तराखंड में मंगलवार से हो रही लगातार बारिश से स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। अलकनंदा, भागीरथी और गंगा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे देवप्रयाग में कई घाट और धार्मिक स्थल जलमग्न हो गए हैं। भागीरथी नदी खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही है। अलकनंदा नदी खतरे के निशान से 1 मीटर नीचे है। गंगा नदी खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे, लेकिन जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। देवप्रयाग के संगम घाट, फुलाड़ीघाट, श्राद्ध गुफा, हनुमान मंदिर और भरत मंदिर जलमग्न हो गए हैं। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई लिंक रोड बंद हो गए हैं, जिससे दूध, सब्जी और अखबार जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।