कांग्रेस चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल खड़े कर रही है। ताजा घटनाक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की तरफ से बनाई जाने वाली मतदाता सूची और चुनाव की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जानिए राहुल गांधी ने अपनी इस विशेष प्रेस वार्ता में क्या बातें कहीं?
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर करारा हमला बोला है। उन्होंने विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि- महाराष्ट्र में 40 लाख वोट रहस्यमयी तरीके से जोड़े गए हैं। राहुल गांधी का आरोप है लोकसभा चुनाव 2024 और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बीच इन मतदाताओं को जोड़ा गया है।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर राहुल गांधी हमलावर
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बीते कुछ समय से चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर लगातार हमलावर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य जगहों की मतदाता सूची के आधार पर चौंकाने वाले दावे किए हैं। मतदाता सूची में जोड़े गए हजारों-लाखों नाम का उल्लेख करते हुए राहुल ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन न करते हुए वोट की चोरी की जा रही है। उन्होंने कई आंकड़ों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि आयोग की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में है।
‘भाजपा के लिए की जा रही है वोटों की चोरी’
राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से जुटाए गए सबूतों का जिक्र करते हुए कहा कि वोटों की चोरी भाजपा के लिए की जा रही है। मतदाता सूची के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि आयोग इस मुद्दे पर जवाब क्यों नहीं दे रहा है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में चंद महीने में लाखों मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए, जो काफी चिंताजनक है। राहुल का कहना है कि, शाम पांच बजे के बाद वोटर टर्नआउट का बढ़ना भी हैरान करने वाला है।
महाराष्ट्र में भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत
नवंबर 2024 में कराए गए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हमारे संदेह की पुष्टि हुई कि विधानसभा चुनाव में ‘धांधली’ हुई… मशीन में पढ़ी जा सकने वाली मतदाता सूची नहीं मुहैया कराए जाने से हमें यकीन हो गया कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव में ‘धांधली’ के लिए भाजपा के साथ मिलीभगत की है।
मतदाता सूची इस देश की संपत्ति है- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा, ‘महाराष्ट्र में, 5 महीनों में 5 साल से ज्यादा मतदाताओं के जुड़ने से हमारा संदेह बढ़ा और फिर शाम 5 बजे के बाद मतदान में भारी उछाल आया… लोकसभा में हमारा गठबंधन पूरी तरह से साफ हो गया। यह बेहद संदिग्ध है। हमने पाया कि लोकसभा और विधानसभा के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़ गए। हम चुनाव आयोग गए और यह लेख लिखा और हमारे तर्क का सार यह था कि महाराष्ट्र चुनाव चुराया गया था। समस्या की जड़ क्या है? मतदाता सूची इस देश की संपत्ति है। चुनाव आयोग हमें मतदाता सूची देने से इनकार कर रहा है।’
वोटों की चोरी पकड़ने में छह महीने का वक्त लगा- राहुल
इस दौरान राहुल गांधी ने सवाल पूछा- शाम पांच बजे के बाद वोटिंग क्यों बढ़े? चुनाव आयोग इसका जवाब दें। राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वोटों की धांधली के मामले में चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं, लेकिन आयोग ने एक भी जवाब नहीं दिया। इस दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि हमें वोटों की चोरी पकड़ने में छह महीने का वक्त लगा है।
कर्नाटक में भी फर्जी मतदाता होने का दावा
कांग्रेस सांसद ने महाराष्ट्र के अलावा एक अन्य राज्य को लेकर भी चौंकाने वाला दावा किया। बकौल राहुल गांधी, कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 6.5 लाख वोटों में से 1 लाख से अधिक वोटों की ‘वोट चोरी’ हुई। कांग्रेस के शोध में कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता, अवैध पते और बड़ी संख्या में मतदाता (बल्क वोटर्स) पाए गए।
पूरे देश में बड़े पैमाने पर ‘आपराधिक धोखाधड़ी’
देशभर में चुनाव कराने की एकमात्र सांविधानिक इकाई- निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव आयोग के साथ मिलकर पूरे देश में बड़े पैमाने पर ‘आपराधिक धोखाधड़ी’ कर रही है। ‘चुनावी धोखाधड़ी’ का यह अपराध संविधान के विरुद्ध है। इसे पूरे देश में बड़े पैमाने पर अंजाम दिया जा रहा है।
सत्ता-भाजपाविरोधी भावना से ग्रस्त नहीं- राहुल
राहुल गांधी ने कहा, ‘सत्ता-विरोधी भावना एक ऐसी चीज है जो हर लोकतंत्र में हर पार्टी को प्रभावित करती है। लेकिन किसी कारण से, भाजपा लोकतांत्रिक ढांचे में एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मूल रूप से सत्ता-विरोधी भावना से ग्रस्त नहीं है। एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल एक बात कहते हैं, आपने हरियाणा चुनाव में देखा, आपने मध्य प्रदेश चुनाव में देखा और फिर अचानक परिणाम बड़े पैमाने पर बदलाव के साथ पूरी तरह से अलग दिशा में चले जाते हैं। इसमें हमारा अपना आंतरिक सर्वेक्षण भी शामिल है, जो काफी परिष्कृत है।’
ऐसे 40 हजार वोटर हैं जिनके पते शून्य है- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘ऐसे 40 हजार वोटर हैं जिनके पते शून्य है या फिर है ही नहीं… अलग-अलग नाम और अलग-अलग परिवार के लोग और जब हम वहां जाते हैं तो पता चलता है कि वहां कोई रहता ही नहीं है… चुनाव आयोग के मुताबिक इन पतों पर कई लोग रहते हैं लेकिन जब हम वहां जाते हैं तो पता चलता है कि वहां कोई रहता ही नहीं है… वोटर लिस्ट में कई लोगों की तस्वीरे नहीं हैं और अगर है भी तो ऐसी जिन्हें देखकर मतदाताओं की पहचान ही नहीं हो सकती।’
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर आरोप
राहुल गांधी ने कहा, ‘यह एक चुनौती है। यह सात फीट का कागज है। मान लीजिए मुझे यह पता लगाना है कि क्या आपने दो बार वोट दिया है या आपका नाम मतदाता सूची में दो बार है, तो मुझे आपकी तस्वीर लेनी होगी और फिर उसे कागज के हर टुकड़े से मिलाना होगा। यही प्रक्रिया है, और यह बहुत ही थकाऊ प्रक्रिया है। मैंने शुरू में सोचा था कि हम कई सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जब हमें इसका सामना करना पड़ा, तो हमें समझ आया कि चुनाव आयोग हमें इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं देता। क्योंकि वे नहीं चाहते कि हम ध्यान से देखें। इस काम में हमें छह महीने लगे… अगर चुनाव आयोग हमें इलेक्ट्रॉनिक डेटा देता, तो हमें 30 सेकंड लगते। मैं दोहराता हूं, इसीलिए हमें इस तरह का डेटा दिया जा रहा है, ताकि उसका विश्लेषण न हो… इन कागजों में ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन की सुविधा नहीं है। इसलिए अगर आप इन्हें स्कैन भी करते हैं, तो आप इनसे डेटा नहीं निकाल सकते। चुनाव आयोग इन कागजों की सुरक्षा क्यों कर रहा है? चुनाव आयोग जानबूझकर ऐसे कागज देता है जिन्हें मशीन से पढ़ा नहीं जा सकता।’
भाजपा और चुनाव आयोग पर राहुल का आरोप
2024 में सत्ता में बने रहने के लिए प्रधानमंत्री को केवल 25 सीटें ‘चुराने’ की जरूरत थी; भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 33,000 से कम वोटों के अंतर से 25 सीटें जीतीं। हमारे लिए सीसीटीवी फुटेज और मतदाता सूची अब अपराध का सबूत है और चुनाव आयोग इसे ‘नष्ट’ करने में व्यस्त है। चुनाव आयोग भारत में चुनाव प्रणाली को ‘नष्ट’ करने में भाजपा की मदद कर रहा है। अब लोगों की जरूरत के अनुसार चुनाव आयोग को मतदाताओं का डाटा देना होगा; अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो परिणाम भुगतने होंगे।
न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना चाहिए- राहुल गांधी
चुनाव से जुड़ी कथित धोखाधड़ी के मामले में राहुल ने कहा, निर्वाचन आयोग इस ‘धोखाधड़ी’ में शामिल है। मुझे लगता है कि न्यायपालिका को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।