गाजीपुर जिले के स्कूल में छात्र की हत्या की चर्चा पूरे जनपद में हो रही है। वहीं पोस्टमार्टम के बाद छात्र का शव घर पहुंचा तो चीख- पुकार मच गई। उधर, आरोपी छात्रों को बाल सुधार गृह भेजा गया।
सनबीम स्कूल महराजगंज 10वीं के छात्र आदित्य वर्मा (15) की हत्या में नामजद दोनों छात्रों को मंगलवार को पुलिस ने पूछताछ के वाद बाल सुधार गृह भेज दिया। एएसपी सिटी ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपी छात्रों ने क्लास रूम से 20 मीटर दूर बाथरूम में वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की है। जांच में सामने आया है कि यह वारदात जूनियर सीनियर छात्रों के बीच गुटबंदी के कारण हुई है।
एएसपी सिटी ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद ने बताया कि आदित्य के पिता शिवजी वर्मा ने सनबीम स्कूल के कक्षा नौ के दो छात्रों पर हत्या और स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। एएसपी सिटी ने बताया कि दोनों छात्रों से चाकू को छिपाकर स्कूल लाने के बारे में पूछा गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाथरूम जाने वाले छात्र-छात्राओं, उसके आसपास दिखे छात्रों से भी पूछताछ की। अब तक की जांच में सामने आया है कि सनबीम स्कूल में छात्रों के बीच गुटबंदी है।
हत्या में नामजद नाबालिग छात्र मनबढ़ हैं। बीते दिनों स्कूल में आते जाते सीनियर छात्र आदित्य के एक साथी से जूनियर छात्र को धक्का लग गया था। इसके बाद जूनियर सीनियर छात्रों में विवाद शुरू हो गया था। दोनों गुटों में 15 अगस्त और घटना वाले दिन भी विवाद हुआ था, जिसमें आदित्य ने भी हस्तक्षेप किया था।
एएसपी सिटी ने बताया कि पोस्टमार्टम में आदित्य के शरीर पर चार जगह घाव मिले। घाव से इस बात की पुष्टि हो रही है कि दोनों आरोपियों ने बेरहमी से आदित्य पर चाकू से वार किए थे। वहीं, घटना के बाद 8-10 छात्रों और स्कूल के स्टॉफ से भी पूछताछ की।
बिना पंजीकरण चल रहा मुख्य आरोपी के पिता का अस्पताल
छात्र आदित्य की हत्या में मुख्य आरोपी का पिता बिना पंजीकरण के अस्पताल चलाता है। सीएमओ कार्यालय से महज दो किमी दूर आदर्श बाजार में उसका अस्पताल है। बड़ी बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं है। सीएमओ डा. एसके पांडेय ने बताया कि अस्पताल का पंजीकरण नहीं है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
हमरे निर्दोष लइकवा क हत्या करे वाले के सजा मिले…
पोस्टमार्टम के बाद छात्र आदित्य वर्मा का शव सोमवार की देर शाम परिजनों को सौंप दिया गया था। आदित्य का शव रात करीब नौ बजे उसके घर यूसुफपुर पहुंचा। आदित्य का शव देखकर मां गुड़िया वर्मा, बहन सृष्टि वर्मा और घर की महिलाएं दहाड़े मारकर रोने लगीं। मां गुड़िया वर्मा रोते-रोते अचेत हो गई। उनके मुंह से यही शब्द निकल रहे थे, लइकवा, लइकवा… जो उन्हें संभाल रहा था, उसे यही कहकर बिलख रही थीं कि खाई पीकर ठीक से स्कूल गईल रहे लइकवा, हमरे निदर्दोष लइकवा क हत्या करे वाले के सजा मिले। हम त पढ़े खातिर घर से एतना दूर भेजनी…। मां गुड़िया के करुण-क्रंदन से लोगों की आंखें डबडबा गई।