Saturday , September 13 2025

लखनऊ में दो दिवसीय राष्ट्रीय होम्योपैथिक कार्यक्रम का शुभारंभ

लखनऊ। अटल बिहारी बाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर चौक लखनऊ में दो दिवसीय राष्ट्रीय होम्योपैथिक कार्यक्रम का शुभारंभ हाई कोर्ट लखनऊ के माननीय न्यायमूर्ति श्री मंजीत शुक्ला के द्वारा डॉ हनीमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य साकेंद्र प्रताप वर्मा, विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य माननीय अंगद कुमार सिंह व अवनीश कुमार सिंह, राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग के बोर्ड के अध्यक्ष डॉ आनंद चतुर्वेदी, पूर्व केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद के अध्यक्ष डॉ रामजी सिंह, होम्योपैथिक विभाग के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार सिंह सहित गणमान्य अतिथियों के द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।


इस कार्यक्रम में एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के बाद वैज्ञानिक सत्र के प्रथम वक्ता के रूप में डॉक्टर रवि सिंह द्वारा होम्योपैथी की सर्जरी की बीमारियों में उपयोगिता को अपने साक्ष्य के साथ प्रस्तुत किया गया वैज्ञानिक क्षेत्र के दूसरे वक्त डॉ प्रवीण कुमार ने गंभीर बीमारियों में स्टैटिकल डाटा के साथ रिकॉर्ड केश पर चर्चा की गई वहीं कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ऑर्थोपेडिक हीलिंग होम्योपैथी के साथ डॉक्टर पंकज श्रीवास्तव ने अपने केस प्रस्तुत किया। दिल्ली से आए डॉक्टर एके गुप्ता ने मोटर न्यूरॉन डिजीज के रोगियों पर अपने विचार रखें उन्होंने बताया कि इलाज के साथ होम्योपैथिक दवाइयां का प्रयोग प्रबंधन के साथ किया जाए तो इन बीमारियों में होम्योपैथिक बहुत ही कारगर साबित होती है। डॉ प्रभात श्रीवास्तव होम्योपैथिक चिकित्सा के द्वारा कैंसर के रोगों पर अपने रोगियों के उपचार को साथ के साथ प्रस्तुत किया।

हैनीमैन एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के सचिव डॉक्टर आशीष वर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश-विदेश से लगभग 650 चिकित्सा शिक्षक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया उन्होंने अपने वक्तव्य में आयुष विभाग की भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा होम्योपैथिक विभाग के विकास और जन-जन तक पहुंचाने के क्षेत्र में सरकारी प्रयासों की सराहना करते हुए संस्था की ओर से भारत सरकार और राज्य सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया। समिति के अध्यक्ष डॉ शिवली मजहर ने बताया कि 30 होम्योपैथिक चिकित्सकों जिन्होंने होम्योपैथिक दिशा में उत्कृष्ट कार्य किए हैं उनको भी यहां सम्मानित किया गया है। आज के इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के एक साथ दो सभागारों में 22 शिक्षक-चिकित्सकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि भारत की सभी चिकित्सा पद्धतियों का आपस में तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए। इसमें सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों से अपेक्षा है कि जनता के बीच में इन पत्तियों के आपसी संबंध का संदेश जाना चाहिए।


विशिष्ट अतिथि के रूप में सदस्य विधान परिषद अंगद कुमार सिंह ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा यदि होम्योपैथी जनता के बीच में विश्वास दिलाना है तो चिकित्सकों को अपना विजन और होम्योपैथी पर समर्पण को ध्यान में रखना होगा।


विशिष्ट अतिथि सदस्य विधान परिषद अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि भारत के लिए भारत के लिए होम्योपैथी सबसे उपयुक्त चिकित्सा पद्धति है।
डॉ आनंद कुमार चतुर्वेदी सदस्य राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग नई दिल्ली ने कहा कि होम्योपैथी एक सूक्ष्म वैज्ञानिक प्रयोग आधारित पद्धति है। इसमें गहन अध्ययन शोध के द्वारा मानवता के कल्याण लिए जनजन के बीच विश्वास का वातावरण बनाना होगा।
डॉ राम जी सिंह पूर्व अध्यक्ष होम्योपैथी चिकित्सा परिषद ने कहा कि स्वास्थ्य मामलों में सभी जगह से निराश रोगी को होम्योपैथी पर भरोसा रहता है। उसे यह बताना होगा कि होम्योपैथी एक कम्पलीट चिकित्सा पद्धति है। बिना ऑपरेशन बिना बहुत सी जांच कराए ही रोगी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है।
होम्योपैथिक वैज्ञानिक संगोष्ठी में डॉ मोहित सत्संगी, डॉ प्रदीप सिंह, डॉ रोचक मिश्रा, डॉ पवन पाण्डेय विशेष रूप से उपस्थित रहे।

वैज्ञानिक सत्र में मंथन

ग्रीस देश से आये डॉ कोस्टास सिटेंडस व हैदराबाद से आये डॉ एस प्रवीण कुमार ने
डॉक्टर प्रभात श्रीवास्तव ने होम्योपैथिक के वैज्ञानिक सत्र के मंथन में निष्कर्ष निकला कि कैंसर में भी होम्योपैथी का इलाज है इस पर अपने विचार रखें उन्होंने बताया कि कैंसर की दूसरी और तीसरी स्टेज में भी होम्योपैथिक दवा प्रशिक्षित चिकित्सक के देखरेख में खाने पर आज कैंसर के रोगियों को लाभ मिल रहा है। गिरीश गुप्ता ने महिलाओं में गर्भाशय में होने वाली गाँठ पर अपना वक्तव्य दिया।
वैज्ञानिक सत्र समाप्त होने के उपरांत शाम को 6:00 बजे से कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जिसमें कवि प्रदीप सारंग, राम किशोर तिवारी, अजय प्रधान, प्रदीप महाजन, प्रमोद द्विवेदी ने काव्यपाठ किया।