एनई रेलवे के पांच स्टेशन गांधीनगर जैसे हाईटेक जंक्शन की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। एनई रेलवे के गोरखपुर, छपरा और गोमतीनगर समेत पांच स्टेशनों का कायाकल्प होगा। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर, छपरा, गोंडा, काठगोदाम एवं गोमतीनगर स्टेशनों को भी पुनर्विकास के लिए स्वीकृत किया गया है। छपरा एवं गोंडा स्टेशनों के लिये कंसलटेन्ट नियुक्त किये जा चुके हैं। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के लिए कंसलटेन्ट नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है।

गोमतीनगर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य प्रगति तेजी से चल रहा है। विकसित हो जाने के बाद स्टेशनों पर रूफ प्लाजा होने के साथ ही फूड कोर्ट, वेटिंग लाउन्ज, बच्चों के खेलने की जगह के साथ ही स्थानीय उत्पाद के लिए स्थान की सुविधा दी जाएगी। यातायात की व्यवस्था की भी प्लानिंग की जा रही है। स्टेशनों के विकसित हो जाने के बाद मेट्रो सेवा, सिटी बस और अन्य ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा सीधे जंक्शन से जुड़ी रहेंगी। स्टेशन पुनर्निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग की तकनीकी व दिव्यांग फ्रेन्डली सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। ये स्टेशन इन्टेलीजेन्ट बिल्डिंग की अवधारणा पर विकसित किए जाएंगे। इन इन स्टेशनों का विकास आगामी 40 से 50 वर्षों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
गोरखपुर का अहसास कराएंगे धार्मिक स्थलों के स्वरूप मुख्यद्वार को ऐसा बनाया जाएगा कि स्टेशन पर प्रवेश करते ही यात्रियों को गोरखपुर का अहसास हो जाए। कलाकृतियों व चित्रकारी के माध्यम से स्थानीय स्तर की धार्मिक स्थलों का स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
ये हाईटेक सुविधाएं होंगी
आईकोनिक स्टेशन बिल्डिंग, स्पेसियश रूफ प्लाजा जिसमें एक स्थान पर यात्रियों की सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी। कैफेटेरिया, रिक्रियेशन सुविधाएं, रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ स्टेशन बिल्डिंग, अच्छी डिजाइन, पर्याप्त पार्किंग सुविधा जहां से आरामदायक यातायात सुलभ हो, मल्टीमाडल इन्टेग्रेशन, दिव्यांगों के लिए सुविधा, साइनेजेज, लिफ्ट, एस्केलेटर, ट्रेवेलेटर, ग्रीन बिल्डिंग के तहत सोलर एनर्जी, वाटर कन्जरवेशन एवं री-साईकिलिंग और पेड़ों से आच्छादित प्लेटफार्मों का पुनर्विकास किया जाएगा।
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