लखनऊ. राजधानी लखनऊ की प्रभारी सीजेएम कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में 9 सितंबर तक जेल भेजा. इससे पहले राजधानी लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को प्रभारी सीजेएम की कोर्ट में पेश किया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर अपने साथी समेत आत्मदाह करने वाली रेप पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक साजिश रचने समेत कई अन्य धाराओं में अमिताभ ठाकुर और बसपा सांसद अतुल रायके खिलाफ शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली में FIR दर्ज हुई. उसी मामले में हजरतगंज पुलिस ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया था, बसपा सांसद अतुल राय पहले से ही रेप के मामले में जेल में बंद है.
यूपी पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने वाली पीड़िता और उसके साथी के मौत से पहले दिए गए बयान पर पूरे मामले की जांच के लिए सरकार ने डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा और एडीजी महिला अपराध एवं बाल कल्याण नीरा रावत की एक संयुक्त जांच समिति बनाई थी. संयुक्त जांच समिति ने प्रथम दृष्टया बसपा सांसद अतुल राय और रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया था.
जांच समिति ने इस मामले में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर मामले की विवेचना की सिफारिश की थी. जांच समिति की सिफारिशों के बाद शासन के आदेश पर लखनऊ कमिश्नरेट के हजरतगंज थाने में बसपा सांसद अतुल राय और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आपराधिक साजिश और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धाराओं समेत कई अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी. इसी मामले में अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी हुई है. वहीं इस पूरे मामले पर अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने कहा की रेप पीड़िता के मृत्यु पुर के वीडियो में उसने कई अन्य अधिकारियों का नाम भी लिया था लेकिन पुलिस ने उनपर कोई कार्यवाही नहीं की.