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हिंदुत्व में डिग्री का कोर्स कराया बनारस का यह विश्वविद्यालय

वाराणसी. धर्मनगरी काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविदयालय में नया डिग्री कोस शुरू होने जा रहा है. इसका नाम है- हिंदु अध्ययन . हिंदुत्व की विचारधारा के इर्दगिर्द बुने गए पूरे पाठ्यक्रम के जरिए ऐसे युवाओं को तैयार किया जाएगा जो कि देश नहीं दुनिया में हिंदुत्व की विशेषताएं बता सकें. एमए के दो वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत ये डिग्री प्रदान की जाएगी. भारत का शिक्षा मंत्रालय इसके लिए अनुदान और पद भी सृजित करेगा. इसकी खासियत ये है कि इसमें एक ओर जहां मुस्लिम, ईसाई समेत सभी धर्मों के छात्र छात्राओं को प्रवेश मिलेगा, वहीं पाकिस्तान समेत दूसरे देशों के स्टूडेंट्स भी इस कोर्स में एडमीशन ले सकते हैं.
दो साल में चार सेमेस्टर के जरिए स्टूडेंट्स को क्य- क्या पढ़ाया जाएगा, इसको तैयार कर लिया गया है. मुख्य फोकस होगा हिंदू स्टडी. इसमें पढ़ाया जाएगा कि कैसे हिंदू धर्म का उदय हुआ. अन्य जितने भी धर्म निकले हैं, उनका जुड़ाव कैसे हिंदुत्व से है. पहला पेपर-संस्कृत परिचय होगा. इसमें प्रमाण, वाद परंपरा भी पढ़ाई जाएगी. साथ ही काशी की शास्त्रार्थ की परंपरा भी शामिल होगी. इसके अलावा सभी धर्मों के अनुसार, ज्ञान का विकास कैसे हुआ. दूसरे सेमेस्टर में पाश्चात्य देश कैसे तत्व का निर्णय करते हैं. सभी संप्रदायों के अनुसार तत्व की परिभाषा, उनकी विशेषताएं, जैन, बौद्ध के साथ इस्लाम और बाइबिल की परंपरा क्या कहती है, ये भी पढ़ाया जाएगा. तीसरे सेमेस्टर में पूर्व जन्म से लेकर बंधन और मोक्ष की सभी धर्मों में क्या व्यवस्था है, इसका पूरा जिक्र होगा. यहीं नहीं, लोक परंपराओं में पढ़ने वाले व्रतों के धार्मिक के साथ वैज्ञानिक महत्व को भी समझाया जाएगा.

इसके अलावा नाट्य शास्त्र भी शामिल होगा. चतुर्थ सेमेस्टर की शुरुआत महाभारत से की जाएगी और बताया जाएगा कि कैसे आज भी महाभारत के किरदार प्रमाणिक हैं. रामायण को पहले सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविदयालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि इस्लाम में कौन-कौन से तत्व है, जिनका हिंदुत्व से जुड़ाव है, उसको भी समझया जाएगा. कुलपति का कहना है कि हिंदुत्व जीवन जीने की कला सिखाती है. इस पाठ्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वैदिक परंपरा है. जिस भी छात्र छात्रा के पास बैचलर डिग्री है, वो इसमें प्रवेश ले सकता है. देश के अलावा विदेशी छात्र छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा. चाहे वो किसी भी धर्म से हो. मकसद ऐसे युवाओं को तैयार करना है जो देश के बाहर जाकर हिंदुत्व के बारे में पूरी दुनिया को बता सकें.