कोपनहेगन (डेनमार्क). नार्वे ने पड़ोसी डेनमार्क का अनुसरण करते हुए कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को कोविड-रोधी टीके की तीसरी खुराक देने की पेशकश की है. सरकार ने सोमवार को कहा कि ऐसे लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने पर गंभीर रूप से बीमार पड़ने का जोखिम अधिक है और स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में टीका इन पर अपेक्षाकृत कम प्रभावी होता है. सरकार का अनुमान है कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले ऐसे लोगों की संख्या 2,00,000 तक हो सकती है.
दूसरी ओर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की यूरोप शाखा के प्रमुख ने कहा है कि वह अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ की इस बात से सहमत है कि कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी खुराक अतिसंवेदनशील लोगों को संक्रमण से बचाने में सहायता कर सकती है.
डॉ हंस क्लुगे ने संक्रमण के अधिक प्रसार को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ यूरोप क्षेत्र में शामिल 53 में से 33 देशों में पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय में मामलों में 10 प्रतिशत या इससे अधिक की वृद्धि हुई है.
क्लुगे ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची से बात की है और दोनों का मानना है कि टीके की तीसरी खुराक उस तरह की विलासिता नहीं है जो उस व्यक्ति से छीनी जा रही है जो टीके की पहली खुराक के लिए प्रतीक्षारत है.
क्लुगे ने कहा कि यह सिर्फ अति संवेदनशील लोगों को सुरक्षित रखने के लिए है. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि वे समृद्ध देश जिनके पास अधिक मात्रा में टीके उपलब्ध हैं, उन्हें इन्हें उन देशों के साथ साझा करने चाहिए जहां टीकों की किल्लत है.
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