Tuesday , December 26 2023

आपके बच्चे को बचाएंगे’, हम गोली खाएंगे

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में सेना और पुलिस ने आतंकवादियों के परिवारों तक पहुंचने की मुहिम छेड़ रखी है. इसी क्रम में कई बड़े सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को घाटी में सक्रिय आतंकियों के परिजनों से मिलकर आतंकवाद का हिस्सा बने घर के सदस्यों की वापसी की अपील की. कुछ ही समय पहले भारतीय सेना ने अपने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में बदलाव किए थे. इसके तहत वे आतंकियों को मारने के बजाए आत्मसमर्पण पर जोर दे रहे हैं.

इस कवायद में कश्मीर पुलिस के IG विजय कुमार, जनरल ऑफिर कमांडिंग , 15 कॉर्प्स, लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे और जीओसी, विक्टर फोर्स मेजर जनरल राशिम बाली ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में परिवारों से मिलकर सीधी मुलाकात की. जनरल पांडे ने कहा, ‘मैंने जीओसी विक्टर (फोर्स) से निवेदन किया था कि मुझे आमने-सामने बात करनी चाहिए, ताकि मैं आपसे आपके बच्चों को इससे (आतंकवाद) निकालने का निवेदन कर सकूं.’

उन्होंने कहा, ‘उन्हें चुपचाप निकालें. आप यह कैसे करेंगे मुझे नहीं पता. यह आप पर निर्भर करता है. लेकिन ऑपरेशन के दौरान अगर कोई लड़का हथियार छोड़ता है, तो हम गोली खाएंगे, हम घायल हो जाएंगे, हम जनहानि उठाएंगे, लेकिन हम आपके बच्चे को बचाएंगे. आपसे यह मेरा वादा है. बाकि यह आपको तय करना है.यह पहली बार है जब पुलिस और सेना के शीर्ष अधिकारी दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के परिवारों से सीधे चर्चा कर रहे हैं.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इनमें शोपियां, पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग जैसे दक्षिण कश्मीर के जिले के परिवार शामिल हुए थे. फरवरी में मेजर जनरल बाली ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में युवाओं से बातचीत की थी. परिवारों से बातचीत के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि बल हथियार छोड़ने वाले युवाओं के साथ काम करेंगे, ‘उनकी चिंताओं को सुनेंगे और मुख्यधारा में शामिल होने में मदद करेंगे.’

रक्षा प्रवक्ता की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘संपर्क का मकसद सक्रिय आतंकवादियों के परिवारों के बीच भरोसा तैयार करना और सुरक्षा बलों का मंशा जाहिर करना था… सामाजिक और पारिवारिक समर्थन पुरुषों को हिंसा और मौत के रास्ते से दूर कर सकता है. सुरक्षा बल ‘बगैर हथियार वाले आतंकियों’ पर ध्यान दे रहे हैं, जो आतंकी गतिविधियों को संभालते हैं. इसका कुल उद्देश्य हिंसा के चक्र को तोड़ना है.’