नैनीताल. उत्तराखंड में सहायक अध्यापक का सपना पाले अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती पर लगी रोक को हटा दिया है. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया के शामिल करने के साथ भर्ती जारी रखें. कोर्ट ने कहा है कि नियुक्तियां कोर्ट के आदेश के अधीन रहेंगी. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये नियुक्तियां 2012 की नियमावली व शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धाराओं के तहत करें.
आपको बतादें कि जितेंद्र सिंह समेत अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य सरकार के 10 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती दी थी. याचिका में कहा कि उन्होंने साल 2019 में एनआईओएस के माध्यम से डीएलएड प्रशिक्षण लिया है, लेकिन सरकार ने उनको नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया है. केंद्र सरकार ने 16 दिसम्बर 2020 व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के आदेशों में एनआईओएस प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को अन्य माध्यम से प्रशिक्षण के बराबर माना है. इसके तहत राज्य सरकार केंद्र के विरोध वाला आदेश नहीं कर सकती है.
जस्टिस मनोज तिवाड़ी की बेंच ने मामले को सुनने के बाद पूर्व में लगी रोक को हटा दिया है और सरकार को दिसंबर 2018 में जारी विज्ञप्ति पर नियुक्ति करने की छूट दे दी है. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में सहायक अध्यापक नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया है. वहीं वकील संजय भट्ट ने कहा कि 14 दिसम्बर 2018 की नियमावली को पहले हाई कोर्ट में चुनौती मिली, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी. जिसके बाद 7 अक्टूबर 2020 को रोक हटी तो एनआईओएस के माध्यम से डीएलएड व अन्य में याचिकाएं दाखिल कर खुद को भर्ती से बाहर करने को चुनौती दी, जिस पर भी कोर्ट ने रोक लगा दी. एकलपीठ के फैसले पर खंडपीठ में सुनवाई हुई जिस पर कोर्ट ने नियुक्ति करने का आदेश जारी कर दिया है.
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