निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही गुजरात में सियासी पारा भी बढ़ गया है। मतदान की तारीख नजदीक आते ही चुनावी हलचल तेज होने लगी है। भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी-आप सहित क्षेत्रीय दल लुभावने चुनावी वादों से लेकर हर वर्ग के वोटरों को रिझाने के लिए प्रचार में जमकर पसीना बहा रहे हैं।

इसी के बीच, विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के जहन में एक सवाल बार-बार आ रहा है कि मुस्लिम वोटर आखिर कौन सी राजनीतिक पार्टी पर भरोसा जताने वाला है? ऐसे कौन-कौन से मुख्य मुद्दे होने वाले हैं, जो वोटरों का मूड़ तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
गुजरात में आमतौर पर भाजपा (BJP) और कांग्रेस के बीच ही कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है, लेकिन इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी-आप (AAP)के चुनावी मैदान में उतरने से त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। वोटर, प्रत्याशी, राजनीतिक पार्टियों पर आधारित कुछ सवालों को लेकर गुजरात में एबीपी सी-वोटर ने सर्वे कराया है।
सी-वोटर की ओर से गुजरात में साप्ताहिक सर्वे किया है। सर्वे में 2,666 लोगों से बात की गई है। सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 प्रतिशत है। पोस्टर कैंपन पर पूछे गए सवाल पर वोटरों की राय है कि इससे भाजपा को एक बार फिर गुजरात में बढ़त मिलनी तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ा चेहरा हैं, जो पार्टी के हित में साबित होने वाला है। लेकिन, हैरानी की बात है कि 51 फीसदी लोग इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
मुस्लिम वोटरों की पहली पसंद कौन?
सी- वोटर के सर्वे में मुस्लिम वोटरों की राय भी जाननी चाहिए। मालूम हो कि मुस्लिम वोटर्स का मत कुछ विधानसभा सीटों में काफी निर्णायक साबित हो सकता है। सर्वे में दावा किया गया है कि 47 फीसदी मुस्लिम वोटर कांग्रेस के पक्ष में हैं, जबकि आप को समर्थन देने के लिए करीब-करीब 25 फीसदी वोटर हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के साथ सिर्फ 9 प्रतिशत ही मुस्लिम वोटर हैं। जबकि, भाजपा के समर्थन में सिर्फ 19 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं।
ईशुदान गढ़वी से ‘आप’ को फायदा या नुकसान?
सर्वे रिपोर्ट की बात मानें तो ईशुदान गढ़वी (Isudan Ghadhvi) को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने से ‘आप’ को बहुत फायदा पहुंचने वाला है। 53 फीसदी लोगों का मानना है कि गढ़वी से ‘आप’ को बढ़त जरूर मिलेगी। जबकि, 32 फीसदी लोगों की राय है इससे ‘आप को नुकसान उठाना पड़ सकता है। मालूम हो कि पत्रकार रह चुके ईशुदान गढ़वी को आप ने चुनावी मैदान में उतारकर एक दांव चला है। राजनीतिक विशेषज्ञ की मानें तो इससे कुछ विधानसभा सीटों में चुनावी मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है।
ओवैसी का स्लॉटर हाउस दांव वोटरों का मूड़ बदलेगा?
सर्वे में पूछा गया कि एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के स्लॉटर हाउस वाले चुनावी दांव से विधानसभा चुनाव में कितना फर्क पड़ेगा? सी-वोटर सर्वे की मानें तो 76 फीसदी लोगों का कहना है कि ओवैसी के इस दांव से कुछ खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। जबकि, 24 फीसदी वोटर्स इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं है। उनका मानना है कि कई चुनावी मुद्दों के साथ ही स्लॉटर हाउस आगामी चुनाव में वोटरों का मूड़ बदल सकता है।
दो चरणों में होंगे मतदान
गुजरात में दो चरणों में मतदान होंगे। 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कराने को सभी तैयारियां पूरी जोर से की जा रही हैं। गुजरात में 01 दिसंबर, और फिर उसके बाद 05 दिसंबर को मतदान होंगे। पहले चरण में 89 विधानसभा सीटों, और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होना तय हुआ है। मालूम हो कि भाजपा, और कांग्रेस के बीच कड़ा चुनावी मुकाबला होता है, लेकिन इस बारके विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी-आप की मौजूदगी से चुनाव त्रिकोणीय होने की उम्मीद है
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