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मध्य प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण लागू

जबलपुर. मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग के लिए बड़ी खबर है. मध्य प्रदेश में सिर्फ तीन मौकों को छोड़कर बाकी सभी सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षणलागू हो गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी सरकारी विभागों के लिए आदेश जारी कर दिया है. अब सिर्फ पीजी नीट परीक्षा 2019- 2020, पीएसी मेडिकल अधिकारी क्लास 2 की भर्ती 2020 और शिक्षक भर्ती 2018 में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि इन पर हाईकोर्ट ने रोक लगायी है.

मध्यप्रदेश में बढ़े हुए 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण का रास्ता उन सभी भर्तियों और परीक्षाओं पर साफ हो गया है जिन पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक नहीं लगाई है. इस आशय का एक पत्र आज मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को जारी कर दिया है. ओबीसी वर्ग के लिए सरकार का यह निर्देश एक बड़ा राहत भरा फैसला माना जा रहा है क्योंकि ढाई साल से मध्य प्रदेश की ओबीसी आबादी को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था.

बीते दिनों कानूनी पहलुओं और पक्षों को सुनने के बाद महाधिवक्ता ने अभिमत देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि फिलहाल कानून पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. केवल तीन अलग-अलग भर्ती प्रक्रियाओं में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए हैं. जिन परीक्षाओं में हाईकोर्ट की रोक लगी है उनमें-पीजी नीट परीक्षा 2019- 2020, पीएसी मेडिकल अधिकारी क्लास 2 की भर्ती 2020 और शिक्षक भर्ती 2018 पर हाईकोर्ट की रोक जारी है. इसके अलावा अन्य सभी भर्तियों और परीक्षाओं पर प्रदेश में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है.

25 अगस्त को मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने एक अभिमत या फिर राय पत्र मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को जारी किया था. उसमें स्पष्ट किया गया था कि हाईकोर्ट की रोक वाली परीक्षाओं और सरकारी भर्तियों को छोड़कर बाकी सारी भर्तियों और परीक्षाओं में सरकार बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण का लाभ प्रदेशवासियों को दे सकती है. बहरहाल आनन-फानन में सरकार का यह आदेश सियासी गलियारों में भी कहीं ना कहीं एक बड़ी बहस को जन्म दे सकता है. आखिर क्यों ढाई साल से सरकार ने यह कदम नहीं उठाया. अब जब विपक्ष ओबीसी आबादी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं की पैरवी की बात कर रहा है तब सरकार अलर्ट मोड में आकर आनन-फानन में बड़े आदेश और निर्देश जारी कर रही है.

इस सबसे ऊपर सूबे की सियासत में सबसे बड़ी खबर यही है कि ओबीसी आबादी को बढ़े हुए आरक्षण का रास्ता सरकार ने साफ कर दिया है. केवल उन मामलों में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकेगा जिन पर हाईकोर्ट की रोक जारी है.