इस्लामिक स्टेट समूह ने काबुल में पाकिस्तान के दूतावास पर हमले की जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तानी सरकार ने इस घटना को “हत्या का प्रयास” बताया था। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को हुए इस हमले में पाक राजदूत बाल-बाल बच गए थे। लेकिन वारदात में एक सुरक्षा गार्ड घायल हो गया था। उधर, पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। पास की इमारत से कुछ हथियार भी जब्त किये हैं।
इस्लामिक स्टेट के क्षेत्रीय दल जिहादी मॉनिटर SITE द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि उसी ने “धर्म त्याग चुके पाकिस्तानी राजदूत और उनके गार्डों पर हमला किया”। उधर, पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने घटना की निंदा की और इसे मिशन के प्रमुख पर “हत्या का प्रयास” कहा है। साथ ही जांच की मांग की है।
संदिग्ध गिरफ्तार
वहीं, काबुल पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है और सुरक्षा बलों ने पास की एक इमारत की सफाई के बाद दो हथियार जब्त किए हैं।
तालिबानी को मान्यता नहीं पर खोला है दूतावास
हालांकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है, लेकिन पिछले साल अगस्त में कट्टरपंथी इस्लामवादियों के सत्ता में आने के बाद भी उसने अपना दूतावास खुला रखा और एक पूर्ण राजनयिक मिशन बनाए रखा।
अकेला था हमलावर!
दूतावास के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया कि एक अकेला हमलावर “घरों की आड़ में आया और गोलीबारी शुरू कर दी”, लेकिन राजदूत और अन्य कर्मचारी इस घटना में बाल-बाल बचे हैं।
अफगानिस्तान में पनप रहा विदेशी आतंकवाद
अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के बाद से तालिबान ने जोर देकर कहा है कि वे विदेशी आतंकवादी समूहों को घरेलू धरती से काम करने की अनुमति नहीं देंगे। इसके बावजूद तालिबान शासन के बाद से अफगानिस्तान में आतंकी हमलों में लगातार इजाफा हो रहा है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे “विफल हमले” की कड़ी निंदा करते हैं।