चतरा. झारखंड के चतरा जिले से भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां ग्रामीण विकास योजनाओं को जमीन पर उतारने वाले अधिकारियों ने नया कारनामा कर दिखाया है. भ्रष्ट अधिकारियों ने एक मुर्दे को भी पक्का मकान आवंटित कर उसे उपकृत किया है. जानकारी के मुताबिक, यह मामला पैनीकलां गांव की है. यहां के निवासी नरेश गंझू की 6 साल पहले मौत हो गई थी. उनकी पत्नी का निधन उनसे भी पहले हो चुका था. बताया जाता है कि उनका कोई उत्तराधिकारी भी नहीं है. इसके बावजूद भ्रष्ट बाबुओं की मेहरबानी से उन्हें पक्का मकान आवंटित हो गया. भ्रष्टाचार का भेद खुलने पर अधिकारियों ने जांच कराने की बात कही है.
जानकारी के अनुसार, मृतक नरेश गंझू के नाम पर 22 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत कर दी गई. मीडियो रिपोर्ट की मानें तो गांव के ही सोहराई गंझू को नरेश गंझू बताकर इकरारनामा कर दिया गया. इसका आधार उनकी ओर से दाखिल शपथ पत्र को बनाया गया. इसमें सोहराई गंझू ने दावा किया है कि वह ही नरेश गंझू हैं.
रिकॉर्ड में भी में सोहराई गंझू की तस्वीर को नरेश गंझू बताकर चस्पा कर दिया गया. इतना ही नहीं रिकॉर्ड में नरेश गंझू के रूप में सोहराई गंझू के हस्ताक्षर भी लिए गए. इसके साथ ही बैंक आफ इंडिया की दंतार शाखा में स्थित सोहराई गंझू का अकांउट नंबर शामिल करते हुए योजना का जियो टैग कर दिया गया. इस तरह नरेश गंझू की पीएम आवास योजना की राशि के सोहराई गंझू के खाते में जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया. इसके बाद उस अकाउंट में 29 मार्च 2021 को योजना मद की प्रथम किस्त के रूप में 40 हजार रुपये डाल दिए गए. 31 मार्च 2021 को बैंक से उस राशि की निकासी कर ली गई. उसी प्रकार योजना निर्माण में प्रगति दर्शाकर 23 जून 2021 को बतौर दूसरी किस्त 85 हजार रुपये डाले गए. इसके दो दिन बाद 25 जून 2021 को 30 हजार रुपये निकाल लिए गए. इसी प्रकार उस अकाउंट से 17 अगस्त को 20 हजार रुपये और 28 अगस्त को 20 हजार रुपये की निकासी कर ली गई. भेद खुलने पर अधिकारियों ने जांच कराने की बात कही है.
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