नई दिल्ली. अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले बढ़ सकते हैं. भारत की आंतरिक सुरक्षा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. दरअसल तालिबान के शासन में अन्य देशों के आतंकी संगठनों को अफगानिस्तान में फलने-फूलने का बेहतर माहौल मिलेगा. ग्लोबल जिहाद भारत के सामने बड़ी चुनौती बन सकता है.
अफगानिस्तान में नाटो और अमेरिकी सेनाओं की हार दुनियाभर में चिंता का सबब बन चुकी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में जिहादी गतिविधियों में 9/11 के हमले के वक्त की तुलना में 400 गुना की बढ़ोतरी हो चुकी है. ग्लोबल जिहाद दुनियाभर में बढ़ता दिखाई दे रहा है. और दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं की हार से जिहादी ताकतों को बल मिलने जा रहा है.
इस आंकलन में कहा गया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान बड़ा आतंकवादी संगठन बन चुका है और पाकिस्तान के सभी जिहादी समूह उसमें शामिल हो रहे हैं. यहां तक कि टीटीपी के विरोधी समूह भी. ऐसे में सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में भी जिहादी गतिविधियां बढ़ सकती हैं. इनमें बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं.
पाकिस्तान अपने फाटा इलाके से आतंकियों को हटाकर अफगानिस्तान के इलाकों में शिफ्ट करने की कोशिश करेगा. इसके साथ ही ड्रग्स आतंकवाद भी तेजी के साथ क्षेत्र में पैर पसारेगा. ड्रग्स आतंकवाद दो गुना तक बढ़ सकता है क्योंकि तालिबान को ‘पैसों के बदले कोई तो कीमत अदा करनी होगी’.
बुरी तरह बिगड़ सकती हैं स्थितियां, दुनिया के लिए नियंत्रण करना हो जाएगा मुश्किल
रिपोर्ट के मुताबिक बीस साल पहले आतंकियों ने दुनिया के ताकतवर देश अमेरिका पर हमला किया था. अब स्थितियां और ज्यादा बिगड़ चुकी हैं. आतंकी समूहों द्वारा तकनीक का इस्तेमाल दुनिया का पूरा रुख मोड़ सकता है. यही नहीं पाकिस्तान के सपोर्ट से अफगानिस्तान अब पूरी दुनिया की जिहादी ताकतों का गढ़ बन सकता है. दुनिया के लिए इन्हें नियंत्रण में करना आसान नहीं होगा.