भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यूपी विधानपरिषद में अपनी ताकत और बढ़ाने की रणनीति तैयार कर ली है। जीत के दावे के साथ बीजेपी ने सोमवार की देर रात स्नातक और शिक्षक कोटे की पांच एमएलसी सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए। मतदान दो फरवरी को होना है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया। पार्टी ने स्नातक कोटे की तीनों सीटों पर मौजूदा एमएलसी पर ही दोबारा दांव लगाया है। बरेली मुरादाबाद खंड स्नातक क्षेत्र से जय पाल सिंह व्यस्त, कानपुर उन्नाव स्नातक क्षेत्र से अरुण पाठक, गोरखपुर फैजाबाद स्नातक खंड क्षेत्र से देवेंद्र प्रताप सिंह को फिर मैदान में उतारा गया है। जबकि कानपुर उन्नाव शिक्षक क्षेत्र से वेणु रंजन भदौरिया और झांसी प्रयाग राज शिक्षक स्नातक क्षेत्र से डॉक्टर बाबू लाल तिवारी को विधान परिषद के चुनाव में प्रत्याशी घोषित किया है।
19 नामांकन दाखिल विधान परिषद के खण्ड स्नातक व खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की पांच रिक्त सीटों पर हो रहे चुनाव में सोमवार को कुल 19 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किये। इनमें गोरखपुर-फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के देवेन्द्र प्रताप सिंह ने और कानपुर शिक्षक खण्ड निर्वाचन क्षेत्र से सपा की प्रियंका यादव शामिल हैं।
अभी ये है स्थिति
100 सीटों वाले उच्च सदन में पहले ही भाजपा के 75 सदस्य हैं। शिक्षक महासभा के अध्यक्ष बीजेपी एमएलसी उमेश द्विवेदी दावा करते हैं- ‘हम सभी पांच एमएलसी सीटें जीत लेंगे।’ 12 जनवरी 2022 को एमएलसी चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख है। बीजेपी के अलावा प्रमुख राजनीतिक दलों में समाजवादी पार्टी ने ही अपने उम्मीदवार तय किए हैं। सपा भी इन चुनावों को उच्च सदन में अपनी ताकत बढ़ाने के मौके के तौर पर देख रही है। सपा के अभी नौ सदस्य हैं और वो विधानपरिषद में बीजेपी के बाद दूसरी पार्टी है। बसपा के पास उच्च सदन में अकेली सीट है। जबकि पहली बार उच्च सदन में कांग्रेस का कोई भी सदस्य नहीं है। अपना दल (सोनेलाल) के नेता आशीष पटेल और योगी मंत्रिमंडल के सदस्य निषाद पार्टी प्रमुख डा.संजय निषाद भी एमएलसी हैं। इसके अलावा जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अक्षय प्रताप भी उच्च सदन में हैं। बता दें कि पूर्व मंत्री राजा भैया जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के प्रमुख हैं।
2014 से अभियान में जुटी है बीजेपी
उच्च सदन में अपनी ताकत बढ़ाने के अभियान पर बीजेपी 2014 से जुटी है। 2018 में एमएलसी बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, सरोजनी अग्रवाल सपा छोड़ बीजेपी एमएलसी हो गए थे। 2022 में बीजेपी ने सपा के नरेन्द्र भाटी, शत्रुद्ध प्रकाश, रमा निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद्रा, घनश्याम लोधी, शैलेंद्र प्रताप सिंह और रवि वर्मा को भी शामिल कर लिया। एक बीएसपी एमएलसी सुरेश कश्यप भी शामिल किए गए।
अब उच्च सदन में बीजेपी का पूरी तरह प्रभुत्व स्थापित हो चुका है। विधानपरिषद के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में उच्च सदन में 94 सदस्य हैं जबकि छह सीटें खाली हैं जिन पर राजभवन से मनोनयन होना है। बीजेपी मनोनयन वाली इन सीटों पर अपने कुछ क्षेत्रीय अध्यक्षों और पार्टी कैडर के अन्य नेताओं को भेज सकती है।