अमेरिका और ब्रिटेन 13 मार्च को एक बड़ी घोषणा करने वाले हैं। चीन को रोकने के लिए ये दोनों देश ऑस्ट्रेलिया को खतरनाक हथियार मुहैया कराएंगे। इस पनडुब्बी समझौते में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एलबानीज और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल होंगे।

वर्ष 2021 को हुई थी डील
बता दें कि इन हथियारों की डील सितंबर 2021 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देशय इंडो-पैसिफिक इलाके में चीन की हरकतों पर लगाम लगाना है। इस योजना को AUKUS नाम दिया गया है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने मिलकर AUKUS योजना की घोषणा 2021 में की थी, जिससे इंडो-पैसिफिक इलाके में चीन पर पैनी नजर बनाई जा सके। बता दें कि ये अमेरिकी निर्मित पनडुब्बियां 2032 की शुरुआत में आने की उम्मीद है।
सैन डिएगो में होगा समझौता
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 13 मार्च को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के नेताओं से सैन डिएगो में मुलाकात करेंगे। यहीं, यूएसएस मिसौरी पनडुब्बी पर सवार होकर तीनों नेता नई साझेदारी का खुलासा करेंगे। बता दें कि यह आधुनिक इतिहास में सबसे त्रिपक्षीय रक्षा प्रौद्योगिकी साझेदारी हो सकती है।
चीन की चेतावनी
इस समझौते को लेकर चीन ने तीनों देशों पर परमाणु अप्रसार प्रयासों को वापस स्थापित करने का आरोप लगाया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने संवाददाताओं से कहा, हम अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से शीत युद्ध की मानसिकता को छोड़ने, अच्छे विश्वास में अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का सम्मान करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल चीजें करने का आग्रह करते हैं।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal