केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) की पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठाया। उन्होंने लाइनकनर को निलंबित करने के दो समाचार साझा करते हुए बीबीसी पर निशाना साधा। मालूम हो कि बीबीसी ने पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी और चर्चित एंकर गैरी लाइनकर को सोशल मीडिया पर ब्रिटेन सरकार की आव्रजन नीतियों की आलोचना करने पर निलंबित कर दिया है और दक्षिणपंथियों की ओर से प्रतिक्रिया की आशंका के मद्देनजर एक डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है।

समाज के एक वर्ग के नाराज होने के डर से डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को किया निलंबित
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ट्वीट किया, “पत्रकारिता की निष्पक्षता व स्वतंत्रता के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले बीबीसी द्वारा अपने स्टार एंकर को सोशल मीडिया गतिविधि को लेकर निलंबित करते देखना दिलचस्प है। एक और दिलचस्प बात यह है कि बीबीसी ने उस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को निलंबित कर दिया है, जिससे उसे समाज के एक वर्ग के नाराज होने का डर था।”
बीबीसी पर साधा निशाना
उन्होंने आगे कहा कि फर्जी विमर्श कायम करना और नैतिक पत्रकारिता स्वाभाविक रूप से विरोधाभासी हैं। मनगढ़ंत तथ्यों के जरिए दुष्प्रचार में लिप्त लोगों से स्पष्ट रूप से नैतिक समझ या पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए खड़े होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। मालूम हो कि इस साल जनवरी में सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे दुष्प्रचार का हथकंडा करार दिया था।
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