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जन शिकायतों के निस्तारण में सहकारिता विभाग प्रदेश में प्रथम स्थान पर।

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

लखनऊ: 07 अप्रैल, 2023

प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर द्वारा अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शिकायतों के त्वरित गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण हेतु गठित आई०जी०आर०एस० और हेल्पलाइन की जारी ताजा रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप टेन विभागों में सहकारिता विभाग प्राप्त शिकायतों के त्वरित, गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।

सहकारिता मंत्री ने यह भी अवगत कराया कि सहकारिता आंदोलन को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ कर मजबूत करने के उद्देश्य से सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुरूप सहकारिता विभाग, उ० प्र० द्वारा राज्य स्तर पर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय स्टेट को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी (एस०सी०डी०सी०) एवं जनपद स्तर पर संबंधित जिलाधिकारी / कलेक्टर की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय डिस्ट्रिक को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी (डी०सी०डी०सी०) का गठन कर दिया गया है। उक्त कमेटी में सहकारिता विभाग संयोजक तथा ए०पी०सी० शाखा के अन्य विभाग, नाबार्ड एवं बैंकिंग क्षेत्र की विशेषज्ञता प्राप्त संस्थाएं सदस्य है ।

 

श्री राठौर ने बताया कि राज्य स्तर पर गठित कमेटियों का दायित्व सभी ग्राम पंचायतों को बी- पैक्स या प्राथमिक डेयरी / मत्स्य पालन सहकारी समितियों के द्वारा कवर कराया जाना, उक्त कार्य हेतु कार्य-योजना बनाना, उनकी समीक्षा करना तथा 05 वर्ष में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक सहकारी समिति स्थापित करना, राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस को अद्यतन करना तथा उसे प्रसारित करना, नाबार्ड, एन०डी०डी०बी०, एन०एफ० डी०बी०, नेफस्कॉब, एन०सी०डी०एफ०आई० और फिशकॉप्फेड के साथ समन्वय करके आवश्यकता और व्यवहार्यता के अनुसार आकलन कर राज्य / जिला स्तर पर संघ की स्थापना करने की कार्य योजना तैयार करना, प्राथमिक सहकारी समितियों के स्तर पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का अभिसरण सुनिश्चित कराते हुए सहकारी समितियों को जीवंत एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, पैक्स को सरकारी / ग्राम सभा भूमि के आवंटन सहित सहकारी समितियों के स्तर पर बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सभी आवश्यक नीतिगत समर्थन प्रदान करना तथा राज्य और जिले स्तर पर कार्य योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी करना मुख्य दायित्व है ।

श्री राठौर ने बताया कि जिला स्तर पर गठित डी०सी०डी०सी० के द्वारा नई प्राथमिक सहकारी समितियों के पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराना, समितियों को आर्थिक रूप से जीवंत एवं सशक्त बनाना, पंचायत / ग्राम स्तर पर प्राथमिक सहकारी समितियों को सभी आवश्यक बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने हेतु पैक्स को ग्राम सभा / सरकारी भूमि का आवंटन करते हुए जमीनी स्तर पर योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित सभी हित धारकों के साथ संबंध करते हुए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है।

सहकारिता मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त से आगामी 05 वर्षों में प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत को कम से कम एक सहकारी समिति से आच्छादित कर सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से स्वाश्रयी बनाने के साथ-साथ समिति के सदस्यों एवं किसानों का आर्थिक उन्नयन सुनिश्चित करते हुए ष्सहकार से समृद्धि की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सकेगा।