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राजस्थान चुनाव 2023: डैमेज कंट्रोल के लिए नड्डा ने संभाला मोर्चा

जेपी नड्डा का जोधपुर दौरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ में सेंधमारी का प्रयास बताया जा रहा है। मारवाड़ में भाजपा की स्थिति मेवाड़ जैसी बेहतर नहीं है। इसीलिए भाजपा का पूरा फोकस जोधपुर संभाग पर है। मेवाड़ की 28 सीटों में पिछले चुनाव में भाजपा ने 15 पर जीत दर्ज की वहीं कांग्रेस 10 सीटों पर सिमट गई थी।
राजस्थान में भाजपा की ओर से जारी 41 प्रत्याशियों की पहली सूची के बाद उभरे विरोध के स्वर के बीच पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार को उदयपुर और जोधपुर के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने मेवाड़ और मारवाड़ के प्रमुख पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श किया। नड्डा के इस दौरे को पार्टी में डैमेज कंट्रोल का प्रयास तथा दूसरी सूची जारी करने से पहले एक राय बनाने का प्रयास बताया जा रहा है।
नेताओ और पदाधिकारियों से चर्चा
चर्चा है कि पार्टी अध्यक्ष नड्डा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी करने से पहले राज्य के सभी प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श करना चाहते हैं ताकि आगे किसी तरह के विरोध की स्थिति नहीं बने। साथ ही पहली सूची को लेकर जहां ज्यादा विरोध देखने को मिल रहा, वहां डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए जाएं। उदयपुर में उन्होंने एक होटल में मेवाड़ और बागड़ के प्रमुख नेताओं से चर्चा की। पहले चरण में उन्होंने उदयपुर शहर, उदयपुर देहात, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ जिले के पदाधिकारियों से चर्चा की।
दूसरी सूची को लेकर तैयारियों में जुटी भाजपा
पहली सूची में उदयपुर संभाग के छह सीटों से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, जिनमें से दो पर उतारे गए प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। डूंगरपुर सीट पर बंसीलाल कटारा को प्रत्याशी बनाया, जिन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह बांसवाड़ा के बागीदौरा सीट से भाजपा की प्रदेश मंत्री कृष्णा कटारा के खिलाफ दो बार भाजपा के प्रत्याशी रहे खेमराज गरासिया उतर चुके हैं। दूसरी सूची से पहले नड्डा की कोशिश है कि मेवाड़ की शेष 22 सीटों से प्रत्याशियों की एक राय बन जाए।
गहलोत के गढ़ में सेंधमारी का प्रयास
नड्डा का जोधपुर दौरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ में सेंधमारी का प्रयास बताया जा रहा है। मारवाड़ में भाजपा की स्थिति मेवाड़ जैसी बेहतर नहीं है। इसीलिए भाजपा का पूरा फोकस जोधपुर संभाग पर है। मेवाड़ की 28 सीटों में पिछले चुनाव में भाजपा ने 15 पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस 10 सीटों पर सिमट गई थी। इसके विपरीत जोधपुर संभाग की 33 विधानसभा सीटों में भाजपा को पिछले चुनाव में 14 ही मिल पाई थीं, जबकि कांग्रेस 16 सीटों पर विजयी रही थी।