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दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के सेवा विस्तार को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने की अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने केंद्र के प्रस्ताव के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। कुमार बृहस्पतिवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।                   

सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने माना कि केंद्र सरकार के पास दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को नियुक्त करने की शक्ति है। इसमें सेवानिवृत्त अधिकारी का कार्यकाल बढ़ाने की शक्ति भी शामिल है। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव के कार्यकाल का विस्तार नियमों का उल्लंघन नहीं है। पीठ दिल्ली सरकार की ओर से केंद्र के एकतरफा मुख्य सचिव की नियुक्ति करने या उसके परामर्श के बिना कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी।                               

सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि दिल्ली सरकार की शक्तियों से बाहर

पीठ ने यह भी बताया कि तीन विषयों को सांविधानिक रूप से दिल्ली सरकार की शक्तियों से बाहर रखा गया है- सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि। सीजेआई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्य सचिव को इन तीन मामलों से भी निपटना है। दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि मुख्य सचिव सौ अन्य मामलों से निपट रहे हैं, जो दिल्ली सरकार के विशेष क्षेत्र में हैं और इसलिए सरकार को अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए। हालांकि पीठ ने इस तर्क को मानने से इन्कार कर दिया कि मुख्य सचिव के कार्यों को उस तरीके से विभाजित किया जाना चाहिए।

पीठ ने हाल में पारित सेवा कानून का दिया हवाला

दिल्ली की याचिका को खारिज करने के लिए पीठ ने संसद में पारित हालिया सेवा कानून (दिल्ली एनसीटी सरकार संशोधन अधिनियम 2023) का हवाला दिया, जो केंद्र को जीएनसीटीडी सेवाओं पर अधिभावी शक्तियां देता है। अधिनियम की वैधता से जुड़े मुद्दे को संविधान पीठ के पास भेज दिया गया है, पर इसके क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाई गई है।

…तब केंद्र के साथ राज्य सरकार भी तर्कसंगत थी

सिंघवी ने जब कहा कि दिल्ली में जब एक महिला मुख्यमंत्री थीं, ऐसा कभी नहीं हुआ। सीजेआई ने इस पर कहा, हम यह नहीं कह सकते कि उन पांच वर्षों में केवल केंद्र ही तर्कसंगत थी, तब राज्य सरकार भी तर्कसंगत थी। अब आप दोनों आमने-सामने नहीं मिल सकते। रियायत के तौर पर सिंघवी ने सुझाव दिया कि सीएम व उपराज्यपाल पांच से दस नामों के साथ बैठ सकते हैं और सरकार कार्यकाल बढ़ाने की बजाय एलजी की ओर से चुने गए नाम को स्वीकार करेगी।

केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के कार्यकाल को बढ़ाने की शक्ति को उचित ठहराने के लिए अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम 1968 के नियम 16 पर भरोसा किया। इसमें प्रावधान है कि सेवानिवृत्त मुख्य सचिव का कार्यकाल केंद्र की पूर्व मंजूरी के साथ राज्य सरकार की सिफारिश पर छह महीने बढ़ाया जा सकता है।