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डबल डेकर भूमिगत मेट्रो स्टेशन में एंट्री के लिए निगम देगा जमीन

सदर बाजार डबल डेकर भूमिगत मेट्रो स्टेशन में एंट्री के लिए दिल्ली नगर निगम जमीन देने के लिए तैयार है। दिल्ली में सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले सदर बाजार में भूमिगत मेट्रो लाइन तो किसी सूरत में पहुंच गई, लेकिन स्टेशन के एंट्री गेट के लिए यहां जमीन नहीं मिल पा रही थी।

डीएमआरसी को बड़ी मुश्किल से निगम की 348.754 वर्ग मीटर जमीन यहां मिल गई है। निगम ने जनहित से जुड़े इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को सदन से मंजूरी प्रदान की है। दिल्ली मेट्रो फेज चार के अंतर्गत निर्माणाधीन जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर पर सदर बाजार मेट्रो स्टेशन दिल्ली का पहला डबल डेकर मेट्रो स्टेशन बन रहा, जहां मेट्रो के आवागम के लिए अप और डाउन लाइन एक दूसरे के समानांतर नहीं, बल्कि एक दूसरे के ऊपर-नीचे बनाए जा रहे।

इसकी वजह ये है कि सदर बाजार में स्टेशन के लिए जगह कम पड़ रही। दूसरी ओर जमीन की सतह पर तो खाली जगह को लेकर हालत इससे कहीं ज्यादा खराब है। करीब 2019 में फेज चार कॉरिडोर के लिए काम शुरू हुआ, सदर बाजार मेट्रो स्टेशन के एंट्री-एग्जिट गेट के लिए डीएमआरसी को तब से जगह की तलाश थी, लेकिन कहीं भी जगह नहीं मिल रही थी। अब निगम ने 61,06,212 रुपये कीमत पर अपनी ये जमीन निगम को देने का निर्णय लिया है।

हर साल जमीन की कीमत का पांच फीसदी मिलेगा

एमसीडी ने डीएमआरसी को महत्वपूर्ण शर्तों पर अपनी जमीन बेची है। इसके तहत निगम को उसकी जमीन की कीमत का पांच फीसदी हर साल डीएमआरसी से किराए के रूप में मिलेगा। डीएमआरसी को एंट्री-एग्डिट गेट निर्माण की स्वीकृति निगम के उप नियम के मुताबिक मिलेगी। नियम व शर्तों के उल्लंघन पर निगम अपनी जमीन फिर से लेने के लिए स्वतंत्र रहेगा।

व्यावसायिक उपयोग नहीं करेगा डीएमआरसी 

निगम ने मेट्रो स्टेशन के एंट्री-एग्जिट के लिए जगह दी है, यहां डीएमआरसी कोई व्यावसायिक गतिविधि शुरू नहीं करेगा। यदि ऐसी कोई योजना होगी तो इसके लिए निगम से लिखित अनुमति लेनी होगी।

निगम की दुकानें तोड़कर बनेगा एंट्री गेट

सदर बाजार डबल डेकर मेट्रो स्टेशन के एंट्री-एग्जिट गेट न्यू कुतुब रोड मार्केट में स्थित निगम की दुकानों को तोड़कर बनेगा। सालों से निगम ने यहां पर अपनी दुकानें किराए चढ़ा रखी थीं, जिनमें बैग, खिलौने इत्यादि की दुकानें समय से खाली करा ली गईं। अब निगम ने डीएमआरसी को ये जमीन सौंपने की कानूनी प्रक्रिया शुरू की है। डीडीए द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के मुताबिक निगम की जमीनों की कीमत तय की गई है।

निगम आयुक्त करेंगे औचक निरीक्षण

इस जगह का निगम आयुक्त या उनके द्वारा नामित व्यक्ति को कभी भी औचक निरीक्षण करने का अधिकार होगा। यदि निगम ऐसा करने से रोका गया तो इसे नियम का उल्लंघन माना जाएगा। इसके बाद निगम को अधिकार होगा कि वह फिर से इस जगह को अपने कब्जे में ले सकता है। इसके अलावा नियम के मुताबिक अन्य कार्रवाई भी करने का अधिकार निगम के पास होगा।