Saturday , December 23 2023

दिल्ली: रॉयल बंगाल बाघ के दो शावक धात्री और धैर्य को बाड़े में छोड़ा

रॉयल बंगाल बाघ के दो शावक धात्री और धैर्य को बाड़े में छोड़ दिया गया। बाड़े में आते ही दोनों अपनी मां सिद्धि के साथ अठखेलियां करते नजर आए। दोनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं। चिड़ियाघर में मौजूदा समय में सात बंगाल बाघ हैं।

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में रॉयल बंगाल बाघ के दो शावक धात्री और धैर्य को बाड़े में बृहस्पतिवार को छोड़ दिया है। दर्शक इन दो नन्हें शावकों का दीदार कर रहे हैं। बाड़े में आते ही दोनों अपनी मां सिद्धि के साथ अठखेलियां करते नजर आए। इनकी चहल-कदमी को देख चिड़ियाघर में घूमने आए दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था। दोनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

ये शावक बाघिन सिद्धि और बाघ करण की संतान हैं। इनका जन्म मई में हुआ था, अब ये दोनों शावक करीब आठ महीने के हो चुके हैं। इन्हें बीट नंबर 8 में छोड़ा गया है। यहां से दर्शक भी उनको देख सकते हैं। बाघिन सिद्धि ने चार मई को पांच शावकों को जन्म दिया था। इसमें दो शावक जीवित और तीन मृत हुए थे।

शावकों में से प्रत्येक का वजन 40 से 50 किलोग्राम के बीच है और वे निगरानी में हैं। वे स्वस्थ और चंचल हैं। नर शावक धैर्य नटखट है। उसे दिन में दो बार पांच किलो मांस और भोजन की खुराक दी जा रही है। चिड़ियाघर के अधिकारियों ने कहा कि बाघिन सिद्धि ही दोनों शावकों की देखभाल कर रही है। वे तेजी से बढ़ रहे हैं। बता दें 2010 में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने गंभीर रूप से लुप्तप्राय जंगली जानवरों की प्रजातियों का एक समन्वित नियोजित संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किया है।

7 रॉयल बंगाल और 5 सफेद बाघ चिड़ियाघर में मौजूद
चिड़ियाघर में मौजूदा समय में सात बंगाल बाघ हैं, जिसमें दो शावक इसमें एक नर धैर्य और मादा धात्री समेत तीन मादा बाघिन अदिति, बरखा, सिद्धि व दो नर बाघ हैं, जिसमें एक करण और एक अन्य बाघ है। इसके अलावा यहां सफेद बाघिन सीता, अवनी व नर बाघ टिपू, विजय, वियोम शामिल हैं। चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से बाघों के संरक्षण व प्रजनन की प्रक्रिया की पहल की जा रही है। चिड़ियाघर में 1959 में अपने उद्घाटन के बाद से बाघों का आवास रहा है। 14 मई, 1969 को जूनागढ़ चिड़ियाघर से शेर का पहला जोड़ा भी एक जोड़ी बाघ शावकों के बदले में प्राप्त हुआ था।

दोनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं। सर्दी के मौसम को देखते हुए वन्यजीवों की विशेष देख-रेख की जा रही है। अभी इन्हें शनिवार और रविवार के अलावा अन्य दिनों में केवल दो से तीन घंटों के लिए बाड़े में दर्शकों को देखने के लिए छोड़ा जाएगा। -आकांक्षा महाजन, निदेशक, चिड़ियाघर