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क्या है हाइपोथायरायडिज्म? जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

शरीर में जब पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बन पाता है, तब इसकी कमी से हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) की समस्या देखने को मिलती है। इससे हार्ट बीट का अचानक कम या ज़्यादा होना, नींद न आना, वजन कम हो जाना या कब्ज़ जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं। आमतौर पर हाइपोथायरायडिज्म का पहला ट्रीटमेंट तो दवाएं ही हो सकती हैं जो इस समस्या और उसके लक्षणों को कम करती हैं, लेकिन बॉडी में थायरॉइड हार्मोन की भरपूर मात्रा को तय करने के लिए एक अच्छी डाइट की जरूरत पड़ती है। यहां हम ऐसी ही कुछ चीजें बताएंगे जिन्हें अपनी डाइट में फॉलो करने से आप हाइपोथायरायडिज्म की समस्या से बच सकते हैं।

क्या है हाइपोथायरायडिज्म?
गले के निचले स्तर पर एक ग्रंथि होती है जिसका काम कुछ हार्मोन्स प्रोड्यूस करना होता है जिनसे हमारा मेटाबॉलिज्म कंट्रोल रहता है। ऐसे में जब ये ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन्स को रिलीज नहीं कर पाती है तो इसका असर बॉडी के सभी फंक्शंस पर देखने को मिलता है। इसी हार्मोनल समस्या को हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं जिसके कारण शरीर में कई दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ लक्षणों के बारे में।

क्या है इसके लक्षण?
इस हेल्थ कंडीशन में कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे-

-बाल झड़ना या पतले होना

-कोलेस्ट्रॉल बढ़ना

-आवाज प्रभावित होना

-अचानक वजन बढ़ना

-चेहरे पर सूजन

-मांसपेशियो में ऐंठन

-हार्टबीट कम या ज्यादा होना

-असमय पीरियड्स का होना

-तनाव और थकान

-जोड़ों में दर्द होना

-स्किन से जुड़ी समस्याएं

कैसे करें बचाव?
इस समस्या से बचने के लिए डाइट का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आयरन से भरपूर चीजें जैसे दाल, काली किशमिश, बीन्स, गुड़, आलूबुखारा, अंजीर, अंडे की जर्दी या गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां खाने से आपको हाइपोथायरायडिज्म को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। वहीं, जिंक की कमी को पूरा करने के लिए आपको अपनी डाइट में कद्दू के बीज, राजमा, चना, तिल, पालक, काजू और सैलमन फिश आदि शामिल करना चाहिए। इससे थायराइड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) के प्रोडक्शन में मदद मिलती है। वहीं, सेलेनियम जैसे पोषक तत्वों में अंडे, डेयरी उत्पाद, नट्स, अलसी के बीज और सूरजमुखी के बीज के सेवन से भी इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके अलावा आपको अपने रूटीन में एक्सरसाइज को भी जगह देनी होगी। ध्यान रहे, वक्त पर सही इलाज की मदद से हाइपोथायरायडिज्म पर काबू पाया जा सकता है।